घोटालाः कागजों में बना 20 लाख का बांध, विभाग कराएगा अपहरण की रिपोर्ट
बस्तर के राजपुर ब्लाक में बांसदोह नाले पर चेकडैम बनाने की प्रशासन ने अनुमति दी थी। जिसको 20 लाख 88 हजार रुपए की लागत से बनाया गया था। बांध का निर्माण सिंचाई विभाग की रामानुजगंज डिवीजन की एक एजेंसी ने करवाया। यह काम मनरेगा के तहत हुआ था। बांध की बनाने की अनुमति 2009 में मिली थी। 14 मार्च 2012 को 20 लाख की लागत के साथ बांध बनकर तैयार हो गया।
इसके बाद बांध के फोटो खींचे गए व कार्य पूरा होने का प्रमाण पत्र, उपयोगिता प्रमाण पत्र और निरीक्षण प्रतिवेदन भी विभाग में जमा कर दिया गया। बावजूद इसके बांध अपनी जगह से गायब हो गया। कागजातों में तस्वीर के साथ मौजूद बांध के गुम होने की शिकायत को लेकर ग्रामीण लोकपाल नागेंद्र तिवारी के पास कोटागहना पंचायत पहुंचे। लोकपाल ग्रामीणों के साथ पंचायत की राजस्व सीमा तक बांसदोह पर बने निर्मित बांध को देखने पहुंचे। मगर बांध बनने जैसा कुछ उन्हें नहीं मिला।
ग्रामीणों ने भी अपने बयान में बांध को लेकर किसी जानकारी से इंकार कर दिया। हैरान परेशान लोकपाल ने गुमशुदा बांध की पता लगाने के लिए एक पत्र विभागीय एजेंसी को जारी किया है कि वे यह बताएं आखिर वह बांध, जो कोटागहना ग्राम पंचायत के बांसदोहर नाले पर, मनरेगा के तहत 20 लाख की लागत से बनाया था, जिसकी तस्वीरें और पूर्णता तथा निरीक्षण प्रतिवेदन भी जमा हुआ आखिर वह गया तो किधर गया है?
विभागीय अधिकारियों को जानकारी मिलने के बाद वह बांध के अपहरण की रिपोर्ट दर्ज कराना चाहते हैं। सूत्रों के अनुसार सारा काम केवल कागजों पर ही हो रहा था।