हमने विदेशों से ऑक्सीजन टैंकर खरीदे हैं, किराए पर भी मंगवा रहे: केंद्र
हमने विदेशों से ऑक्सीजन टैंकर खरीदे हैं, किराए पर भी मंगवा रहे: केंद्र
नई दिल्ली, 26 अप्रैल: देश में कोरोना वायरस के बढ़ते मामलों के बीच ऑक्सीजन का संकट लगातार बना हुआ है। केंद्र सरकार की ओर से बताया गया है कि अस्पतालों में ऑक्सीजन की कमी ना हो, इसके लिए कोशिशें की जा रही हैं। कोरोना को लेकर हुई प्रेस वार्ता में सोमवार को गृह मंत्रालय के अतिरिक्त सचिव ने बताया कि भारत सरकार विदेशों से ऑक्सीजन टैंकर खरीद रही है और किराए पर भी मंगवा रही है। उन्होंने कहा है कि ऑक्सीजन टैंकरों का परिवहन एक बड़ी चुनौती है। इसलिए रियल-टाइम ट्रैकिंग का इस्तेमाल ऑक्सीजन टैंकरों की आवाजाही की निगरानी के लिए किया जा रहा है।
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गृह मंत्रालय के एडिशनल सेक्रेटरी ने जानकारी दी है कि मेडिकल ऑक्सीजन का उत्पादन काफी बढ़ा है। हमारी ऑक्सीजन उत्पादन क्षमता 7,259 मीट्रीक टन है और 24 अप्रैल को 9,103 मीट्रीक टन ऑक्सीजन का उत्पादन हुआ है। उन्होंने बताया कि गृह मंत्रालय ने तीन क्षेत्रों को शर्त के साथ ऑक्सीजन उपयोग के लिए छूट दी है। एम्पल्स-विएल्स, फार्मास्यूटिकल और डिफेंस फोर्सेस को केवल चिकित्सा प्रयोजनों के लिए तरल ऑक्सीजन के उपयोग को अनुमति दी गई है।
एम्स निदेशक ने कहा- अस्पतालों की ओर ना दौड़ें
एम्स के निदेशक रणदीप गुलेरिया ने कहा है कि अगर सब लोग होम आइसोलेशन नहीं करेंगे और पैनिक के कारण अस्पताल में भर्ती होना चाहेंगे तो दुनिया का कोई इंफ्रास्ट्रक्चर ऐसा नहीं है जो इन सब लोगों को मैनेज कर पाएगा।उन्होंने कहा कि अगर आपको कोविड के कोई भी लक्षण हों तो आप खुद को घर में आइसोलेट करें, रिपोर्ट आने का इंतजार न करें। कई बार RT-PCR टेस्ट नेगेटिव भी आ सकता है क्योंकि उसकी संवेदनशीलता 100 फीसदी नहीं है। उस स्थिति में भी मानकर चलना चाहिए कि आपको कोविड है और उसका इलाज करना चाहिए।
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नीति आयोग के सदस्य(स्वास्थ्य) डाॅ.वी.के.पाॅल ने टीकाकरण को लेकर कहा कि इस महामारी के इस तरह चलते हुए भी हमें वैक्सीनेशन तेज गति से आगे लेकर जाना होगा, हम वैक्सीनेशन की गति को धीमा होने नहीं दे सकते हैं।