PM मोदी ने पहनी सेना की वर्दी तो यूथ कांग्रेस ने उठाया सवाल
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री मोदी ने इस बार भी सेना के जवानों के साथ दिवाली मनाई, वो शनिवार को दिवाली के पावन पर्व पर जैसलमेर पहुंचे थे। जहां उन्होंने पहले 'लोंगेवाला' में जवानों के साथ वक्त गुजारा और उसके बाद सेना के पराक्रम एवं शौर्य को प्रदर्शित करने वाली प्रदर्शनी का निरीक्षण किया, वो टैंक पर भी सवार हुए थे,इस दौरान पीएम मोदी ने सेना की वर्दी पहनी हुई थी, जिस पर भारतीय युवा कांग्रेस ने अब सवाल खड़े कर दिए हैं।
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इस बारे में यूथ कांग्रेस ने ट्वीट किया है, जिसमें उसने लिखा है कि 'ना तो ये सेना के प्रमुख हैं, ना हीं अधिकारी, फिर एक असैन्य नेता का सेना की वर्दी पहनना कहां तक उचित है?' । बता दें कि पीएम मोदी शनिवार को जब जैसलमेर जवानों के बीच पहुंचे थे तो उनके साथ सीडीएस बिपिन रावत, सेना प्रमुख एमएम नरवाणे और बीएसएफ के डीजी राकेश अस्थाना भी मौजूद थे।
'मेरी दिवाली तभी पूरी होती है जब आपके बीच आता हूं'
जवानों को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने कहा था कि 'मैं आप सभी को दिवाली की शुभकामनाएं देना चाहूंगा। मैं आज आपके बीच हर भारतीय का अभिवादन लेकर आया हूं, आप हमेशा बर्फ से ढके पहाड़ों और रेगिस्तान में देश की रक्षा करते हैं, मेरी दिवाली तभी पूरी होती है जब आपके बीच आता हूं।'
पीएम ने कहा कि 'जब मैं आपके चेहरों पर खुशी देखता हूं, तो मेरी खुशी दोगुनी हो जाती है, देश की सरहद पर अगर किसी एक पोस्ट का नाम देश के सबसे ज्यादा लोगों को याद होगा तो वो है 'लोंगेवाला पोस्ट', इस पोस्ट पर आपके साथियों ने शौर्य की एक ऐसी गाथा लिख दी है जो आज भी हर भारतीय के दिल को जोश से भर देती है।'
चीन-पाकिस्तान को भी दिया करारा जवाब
पीएम ने बिना चीन और पाकिस्तान का नाम लिए कहा था कि भारत दोस्ती निभाना जानता है तो वहीं अपने ऊपर प्रहार करने वालों को छोड़ता भी नहीं है, जब भी जरूरत पड़ी है भारत ने दुनिया को दिखाया है कि उसके पास ताकत भी है और सही जवाब देने की राजनीतिक इच्छाशक्ति भी है। आज भारत आतंक के आकाओं को घर में घुसकर मारता है, आज दुनिया ये समझ रही है कि ये देश अपने हितों से किसी भी कीमत पर रत्ती भर भी समझौता करने वाला नहीं है।
बहुत महत्वपूर्ण है लोंगेवाला पोस्ट
गौरतलब है कि लोंगेवाला पोस्ट पर ही 1971 में लड़ाई हुई थी। जिसमें भारतीय सैनिकों ने पाकिस्तान को बुरी तरह से मात दी थी। मेजर कुलदीप चांदपुरी की अगुवाई भारतीय जवानों ने पाकिस्तान के छक्के छुड़ा दिए थे।आमतौर पर अंतरराष्ट्रीय सीमा पर फ्रंटलाइन पर बीएसएफ जवान और सेकेंड लाइन पर सेना के जवान तैनात रहते हैं।
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