कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने फिर दिखाया पार्टी को आईना, बोले 19% पर ही क्यों निपट गए
नई दिल्ली- प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तारीफ में पार्टी नेता जयराम रमेश का समर्थन करने के चलते पार्टी की ओर से मिली कार्रवाई की धमकियों से भी कांग्रेस सांसद शशि थरूर जरा भी विचलित नहीं हुए। उन्होंने कांग्रेस की ओर से जारी कारण बताओ नोटिस में भी सफाई देने की जगह पार्टी को आईना दिखाने से परहेज नहीं किया है। उन्होंने कांग्रेस को यह समझाने की कोशिश की है कि सच बोलने वालों को नोटिस जारी कर देने भर से सच्चाई बदलने वाली नहीं है। पार्टी को यह सोचना चाहिए कि नरेंद्र मोदी की अगुवाई में बीजेपी का 5 साल सत्ता में रहने के बावजूद भी वोट शेयर क्यों बढ़ा है; और कांग्रेस पांच साल सत्ता से बाहर रहकर भी जनता का प्यार पाने में नाकाम क्यों हो रही है?
थरूर ने अपनी पार्टी से पूछा 19% वोट शेयर पर क्यों अटके?
कांग्रेस नेता और केरल के तिरुवनंतपुरम से तीन बार के सांसद शशि थरूर केरल प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष के कारण बताओ नोटिस के जवाब में पार्टी नेतृत्व को फिर से आईना दिखा दिया है। उन्होंने ज्यादा कुछ नहीं कहकर भी लीडरशिप को बहुत कुछ संदेश देने की कोशिश की है। कांग्रेस नेता ने अपनी पार्टी से ये सोचने के लिए कहा है कि पिछले चुनाव में उसे 20% से भी कम वोट क्यों मिले हैं, जबकि पांच साल सत्ता में रहने के बावजूद बीजेपी ने अपना वोट शेयर 31% से बढ़ाकर 37% कर लिया है। थरूर ने पार्टी को भेजे कारण बताओ नोटिस के जवाब में लिखा है, "उन्होंने (मोदी) पूरे भारत में वोट प्रतिशत 2014 के 31% से 2019 में 37% तक प्रभावी तरीके से बढ़ाया है और एक पार्टी के लिए जो दोनों चुनावों में 19% के आसपास अटकी रही, हम कांग्रेस वालों को यह समझने का प्रयास करना चाहिए कि ऐसा क्यों.... " थरूर ने जयराम रमेश के विचारों का समर्थन करने के लिए केरल प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष मुल्लापल्ली रामचंद्रण की ओर से जारी नोटिस के जवाब में यह लिखा है। गौरतलब है कि जयराम ने कहा था कि सिर्फ मोदी को खलनायक बताने से विपक्ष का कुछ नहीं होने वाला, मोदी ने जमीन पर काम किया है और लोगों को अपने साथ जोड़ा है। पार्टी नेता अभिषेक मनु सिंघवी ने भी रमेश से सहमति जताई है।
मोदी सरकार की सकारात्मक आलोचना की सलाह
थरूर ने कांग्रेस नेतृत्व को आईना भी दिखाया है तो साथ ही साथ नसीहत भी देने की कोशिश की है। उन्होंने प्रदेश चीफ को भेजे जवाब में लिखा है कि "मैं मोदी सरकार को बहुत बड़ा आलोचक रहा हूं और मैं उम्मीद करता हूं कि यह सकारात्मक होना चाहिए।" उन्होंने लिखा है कि चुनाव परिणामों से जाहिर है कि वोटरों को लगता है कि वो उनके लिए कुछ कर रहे हैं और हमें यह स्वीकार करना होगा। हालांकि, ये सच है कि उसकी कुछ सीमाएं हैं। 'जैसे उन्होंने शौचालय बनवाए, लेकिन 60 % में पानी नहीं है। उन्होंने ग्रामीण महिलाओं को गैस सिलेंडर दिए हैं, लेकिन 92% के पास उसे रिफिल कराने के पैसे नहीं हैं। लेकिन, अगर हम कहेंगे कि कुछ नहीं किया और फिर भी लोगों ने उन्हें वोट दे दिया; तो हमारा मतलब ये होगा कि लोग बेवकूफ हैं, इससे हमें वोट नहीं मिलेंगे।'
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प्रदेश अध्यक्ष को थरूर का चैलेंज
थरूर ने विदेश से ईमेल के जरिए भेजे अपने जवाब में प्रदेश अध्यक्ष से ये भी कहा कि 'आपको पता है कि पिछले छह साल मैं कह रहा हूं कि जब नरेंद्र मोदी अच्छा कहते हैं या अच्छा काम करते हैं तो उनकी सराहना होना चाहिए, इससे जब वो गलती करेंगे तब हमारी आलोचनाओं की विश्वसनीयता बढ़ेगी।' थरूर ने अपने जवाब में रामचंद्रण से यह भी पूछ लिया है कि वह केरल के किसी एक कांग्रेस नेता का नाम बनाएं जो मोदी सरकार के बिलों का विरोध करने के लिए उनकी कोशिशों का 10% भी रिसर्च और अध्ययनों में लगाया हो।
थरूर का विवाद अब क्लोज्ड चैप्टर- कांग्रेस
तथ्यों के आधार पर पार्टी को भेजा गया शशि थरूर का जवाब असर कर गया है। अब केरल के प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष मुल्लापल्ली रामचंद्रण ने साफ कह दिया है कि मोदी की सराहना से जुड़ा थरूर का विवाद अब 'क्लोज्ड चैप्टर' है। उन्होंने थरूर की उस सफाई के बाद ये बयान दिया है, जिसमें थरूर ने बताया है कि उनकी टिप्पणियों को गलत तरीके से लिया गया है। रामचंद्रण ने साफ कर दिया है कि थरूर के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की जाएगी। उन्होंने बाकी नेताओं को भी आगाह किया है कि इस मुद्दे को अब नहीं उछाला जाना चाहिए। गौरतलब है कि कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और वीरप्पा मोइली ने पहले ही संकेत दे दिया था कि आलाकमान फिलहाल थरूर पर कार्रवाई के मूड में नहीं है। उसके असली निशाने पर अभी सिर्फ जयराम रमेश हैं, जिनके खिलाफ कार्रवाई की मांग खुद मोइली भी कर चुके हैं।
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