तीन तलाक पर फैसले के बाद जब सिब्बल की वजह से 'परेशान' हुई कांग्रेस
नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को ऐतिहासिक फैसला सुनाते हुए तीन तलाक को असंवैधानिक घोषित कर दिया है। कोर्ट में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और वकील कपिल सिब्बल ने तीन तलाक का समर्थन किया। हालांकि, केस हारने के बाद सिब्बल ने भले ही सुप्रीम कोर्ट के निर्णय का समर्थन किया है लेकिन एक पार्टी मेंबर के नाते उन्होंने कांग्रेस को शर्मिंदा करने का भी काम किया है।
सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के दौरान कपिल सिब्बल ने ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड की तरफ से अपना पक्ष रखते हुए इस्लाम में तीन तलाक को जायज ठहराते हुए इसका समर्थन किया। कोर्ट में तीन तलाक पर अपनी दलील पेश करते हुए सिब्बल ने इसे धार्मिक मुद्दा बताते हुए कहा कि भगवान राम भी आयोध्या में पैदा हुए थे, जो कि एक आस्था का मामला है लेकिन संवैधानिक नैतिकता के आधार पर इसका परीक्षण नहीं किया जा सकता।
इस मामले पर पांच जजों की बेंच ने सुनवाई के बाद तीन तलाक को असंवैधानिक बताते हुए सरकार को इस पर 6 महीनों के भीतर कानून बनाने को भी कहा है। इस निर्णय के बाद सिब्बल ने कोर्ट का समर्थन करते हुए कहा, 'हम फैसले का सम्मान करते हैं। यह पर्सनल लॉ की हिफाजत करता है और साथ ही ट्रिपल तलाक की प्रथा की निंदा करता है'।
आपको बतां दें कि एक वकील होने के नाते कपिल सिब्बल ने इससे पहले पश्चिम बंगाल में शारदा चिटफंड घोटाले में फंसे तृणमूल कांग्रेस को बचाने की कोशिश की थी। इसके अलावा यौन उत्पीड़न मामले में फंसे तहलका के एडिटर एंड चीफ तरुण तेजपाल को भी कांग्रेस के कद्दावर नेता सलमान खुर्शीद ने भी एक वकील के रूप में उन्हें बचाने के लिए अपना पक्ष रखा था। वहीं, एक और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अभिषेक मनु सिंघवी ने कोयला घोटालों में फंसे नवीन जिंदल के पक्ष में दलील पेश कर चुके हैं।