मायावती के डबल अटैक के तुरंत बाद क्या थी कमलनाथ की पहली प्रतिक्रिया?
मायावती के कांग्रेस पर इस डबल अटैक के बाद पार्टी के वरिष्ठ नेता और मध्य प्रदेश प्रभारी कमलनाथ ने पहली प्रतिक्रिया दी है।
नई दिल्ली। 2019 के लोकसभा चुनाव से ठीक पहले तीन राज्यों में होने वाले विधानसभा चुनाव में बसपा सुप्रीमो मायावती ने कांग्रेस को दोहरा झटका दे दिया है। मायावती ने गुरुवार को छत्तीसगढ में अजीत जोगी की पार्टी जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ (जकांछ) के साथ गठबंधन का ऐलान कर दिया। इसके साथ ही मायावती ने मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव में भी अपने 22 उम्मीदवारों की घोषणा कर दी। मायावती के कांग्रेस पर इस डबल अटैक के बाद पार्टी के वरिष्ठ नेता और मध्य प्रदेश प्रभारी कमलनाथ ने पहली प्रतिक्रिया दी है।
ऐलान के तुरंत बाद कमलनाथ का बयान
मायावती के ऐलान के बाद कमलनाथ ने कहा, 'मध्य प्रदेश में गठबंधन को लेकर जिस वक्त मायावती से हमारी बातचीत शुरू हुई, तो उन्होंने 50 सीटों की मांग की। यह देखते हुए कि सबकुछ दांव पर लगा है और हमारा एक ही लक्ष्य है बीजेपी को हराना, तो अब ये ज्यादा तर्कसंगत लग रहा है।' आपको बता दें कि मायावती के साथ गठबंधन में कांग्रेस मध्य प्रदेश की 230 सीटों में से 30 से ज्यादा देने पर राजी नहीं थी और इसी बात को लेकर दोनों के बीच पेंच फंसा हुआ था। हालांकि, सूत्रों का कहना है कि कांग्रेस ने बसपा के साथ गठबंधन की आखिरी उम्मीद अभी खोई नहीं है।
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सिंधिया के गढ़ में मायावती के उम्मीदवार
मायावती का अलग होना इसलिए भी कांग्रेस के लिए ज्यादा परेशानी-भरा है क्योंकि मध्य प्रदेश की जिन 22 सीटों पर बसपा के उम्मीदवारों का ऐलान किया गया है, उनमें से कुछ सीटें मुरैना और शिवपुरी जिलों में हैं, जहां कांग्रेस प्रचार समिति के प्रमुख ज्योतिरादित्य सिंधिया की मजबूत पकड़ है। कांग्रेस के एक वरिष्ठ नेता का कहना है, 'हमें विश्वास नहीं है कि मायावती ने ऐसा किया और क्यों किया? हमें उनकी तरफ से ऐसी घोषणा की उम्मीद नहीं थी। बीएसपी के साथ बातचीत अभी चल ही रही थी। अब हमें देखना होगा कि क्या होता है।'
'कांग्रेस के लिए होगी बहुत मुश्किल'
गौरतलब है कि पिछले सप्ताह ही कमलनाथ ने कहा था कि मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव के लिए बसपा के साथ गठबंधन को लेकर बातचीत अंतिम दौर में है। कमलनाथ ने कहा था कि अगले 10 दिनों में बसपा और कांग्रेस के बीच गठबंधन फाइनल हो जाएगा। कांग्रेस के एक बड़े नेता का कहना है कि मायावती के ऐलान के बाद मध्य प्रदेश में उनकी पार्टी के लिए चीजें बहुत-बहुत मुश्किल हो जाएंगी। जिन सीटों की घोषणा की गई है उनमें से अधिकांश सिंधिया के गढ़ में हैं, और यह प्रदेश के शीर्ष नेतृत्व के लिए एक संदेश है।'
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