16 साल तक नरसिम्हा राव को भूली कांग्रेस अब करेगी श्रद्धांजलि सभा का आयोजन, ये है वजह!
नई दिल्ली: पूर्व प्रधानमंत्री पीवी नरसिम्हा राव का इस साल जन्म शताब्दी वर्ष है। जिसको लेकर तेलंगाना सरकार विशेष कार्यक्रम आयोजित कर रही है। इस कार्यक्रम का जिक्र पीएम मोदी मन की बात में भी कर चुके हैं। लंबे वक्त से नरसिम्हा राव को नजरअंदाज करने वाले कांग्रेस के शीर्ष नेतृत्व ने इस बार उनको श्रद्धांजलि देने का फैसला लिया है। कांग्रेस के इस फैसले से राजनीतिक गलियारों में हलचल है।
दरअसल पीवी नरसिम्हा राव पूर्व प्रधानमंत्री के साथ-साथ कांग्रेस के बड़े नेताओं में से एक थे। राजीव गांधी, इंदिरा गांधी आदि की जयंती को कांग्रेस धूमधाम से मनाती है। इस दौरान तरह-तरह के वीडियो और पोस्ट सोशल मीडिया पर किए जाते हैं, लेकिन नरसिम्हा राव के साथ शीर्ष नेतृत्व ने कभी ऐसा नहीं किया। अब अचानक से जब राहुल, सोनिया गांधी और डॉ. मनमोहन सिंह ने उन्हें श्रद्धांजलि दी, तो सभी हैरान रह गए। बाद में बात सामने आई कि कांग्रेस ने इस बार राव की जयंती पर आयोजित होने वाले कार्यक्रमों में शामिल होने का फैसला लिया है।
क्यों
आई
रिश्तों
में
खटास?
कहा
जाता
है
कि
जब
1991
में
नरसिम्हा
राव
देश
के
प्रधानमंत्री
बने,
तो
सोनिया
गांधी
से
उनके
रिश्ते
बहुत
अच्छे
थे।
इसके
बाद
दोनों
के
रिश्तों
में
कई
मामलों
को
लेकर
खटास
आ
गई।
फिर
नरसिम्हा
राव
ने
10
जनपथ
जाना
ही
छोड़
दिया।
बहुत
ज्यादा
जरूरी
काम
होने
पर
ही
वो
उधर
का
रुख
करते
थे।
2004
में
जब
राव
की
मृत्यु
हुई
तो
कांग्रेस
सत्ता
में
थी।
इस
दौरान
AICC
मुख्यालय
के
बाहर
ही
उनका
शव
रखा
गया,
जहां
पर
तमाम
नेताओं
ने
उन्हें
श्रद्धांजलि
दी।
हालांकि
पूर्व
पीएम
मनमोहन
सिंह
राव
को
अपना
गुरु
मानते
थे
और
उन्हें
आंध्र
भवन
जाकर
श्रद्धांजलि
दी
थी।
क्या
कहा
राहुल-सोनिया
ने?
सोनिया
ने
उन्हें
याद
करते
हुए
कहा
कि
राव
का
जन्म
शताब्दी
वर्ष
एक
विद्वान
को
याद
करने
का
मौका
है,
उन्हें
सभी
श्रद्धांजलि
अर्पित
करें।
वे
ऐसे
वक्त
में
देश
के
प्रधानमंत्री
बने
जब
गंभीर
आर्थिक
संकट
था।
उनके
साहसिक
नेतृत्व
के
चलते
देश
कई
सारी
चुनौतियों
से
पार
पाने
में
सफल
रहा।
वहीं
राहुल
गांधी
ने
लिखा
कि
हम
ऐसे
शख्स
की
विरासत
का
जश्न
मना
रहे
हैं,
जिसके
योगदान
की
वजह
से
आधुनिक
भारत
निरंतर
आकार
ले
रहा
है।
राव
ने
24
जुलाई,
1991
को
पेश
बजट
में
अपनी
छाप
और
प्रतिबद्धता
दिखाई
थी।
अचानक
से
क्यों
बदली
कांग्रेस?
दरअसल
राव
का
जन्म
आंध्र
प्रदेश
(अब
तेलंगाना
का
हिस्सा)
में
हुआ
था।
वहां
के
लोगों
के
लिए
उन्होंने
अपना
पूरा
जीवन
लगा
दिया।
तेलंगाना
और
आंध्र
में
उनकी
लंबी
राजनीतिक
विरासत
है।
इसके
अलावा
दक्षिण
भारत
के
अन्य
राज्यों
में
भी
उनकी
अच्छी
पकड़
थी।
तेलंगाना
के
सीएम
केसीआर
पूर्व
पीएम
राव
के
जन्म
शताब्दी
वर्ष
पर
विशेष
कार्यक्रम
आयोजित
कर
रहे
हैं।
तेलंगाना
पीसीसी
भी
राव
को
लेकर
कई
कार्यक्रम
आयोजित
करना
चाहती
है।
कांग्रेस
की
इन
राज्यों
में
पकड़
थोड़ी
कमजोर
हो
गई
है।
जिस
वजह
से
हाईकमान
ने
पूर्व
पीएम
राव
को
लेकर
कार्यक्रम
आयोजित
करने
का
फैसला
लिया
है।
वहीं
राजनीतिक
विशेषज्ञ
दक्षिण
भारत
में
उनके
राजनीतिक
विरासत
की
लड़ाई
देख
रहे
हैं।
जिसके
लिए
अब
कांग्रेस
भी
मैदान
में
उतर
गई
है।
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