राफेल डील: कांग्रेस के निशाने पर रक्षा मंत्री, कहा आखिर क्यों लेना पड़ा यू-टर्न
फ्रांस के साथ 36 हुई फाइटर जेट राफेल की डील पर विवाद शांत होने की बजाय बढ़ता ही जा रहा है। गुरुवार को एक बार फिर कांग्रेस ने डील पर सरकार को आड़े हाथों लिया है। इस बार कांग्रेस के निशाने पर रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण हैं।
नई दिल्ली। फ्रांस के साथ 36 हुई फाइटर जेट राफेल की डील पर विवाद शांत होने की बजाय बढ़ता ही जा रहा है। गुरुवार को एक बार फिर कांग्रेस ने डील पर सरकार को आड़े हाथों लिया है। इस बार कांग्रेस के निशाने पर रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण हैं। कांग्रेस ने ट्वीट के जरिए सीतारमण पर हमला बोला और उनसे कुछ सवाल पूछे हैं। दिलचस्प बात है कि कांग्रेस ने जगजीत सिंह का एक गजल की पैरोडी बनाकर सरकार पर निशाना साधा है।
सीतारमण
से
कांग्रेस
का
सवाल
कांग्रेस
के
ट्विटर
हैंडल
पर
गुरुवार
को
एक
ट्वीट
किया
गया।
इस
ट्वीट
में
सीतारमण
से
पूछा
गया
है
कि
आखिर
ऐसा
क्या
था
जो
उन्होंने
पारदर्शिता
का
वादा
करने
के
बाद
भी
डील
पर
चुप्पी
साध
रखी
है।
आखिर
उन्होंने
इस
डील
पर
यू-टर्न
क्यों
लिया
और
ऐसा
क्या
है
जो
वह
छिपा
रही
हैं
?
ट्वीट
में
नीचे
एक
वीडियो
भी
है
जिसमें
निर्मला
सीतारमण
के
कुछ
बयानों
को
जगजीत
सिंह
की
गजल,
'तुम
इतना
क्यों
मुस्कुरा
रहे
हो,'
की
पैरोडी
के
साथ
प्रस्तुत
किया
गया
है।
कांग्रेस
अध्यक्ष
राहुल
गांधी
ने
केंद्र
सरकार
पर
आरोप
लगाया
है
कि
सरकार
ने
फ्रांस
के
साथ
राफेल
फाइटर
जेट
के
लिए
हुई
58,000
करोड़
की
डील
पर
देश
को
अंधेरे
में
रख
रही
है।
क्या
कहा
रक्षा
मंत्रालय
ने
उनका
कहना
है
कि
सरकार
इस
डील
से
जुड़ी
जानकारियों
को
संसद
में
साझा
नहीं
कर
रही
है।
वहीं
रक्षा
मंत्रालय
ने
भी
साफ
कर
दिया
है
कि
डील
को
लेकर
जो
गोपनीयता
बरती
जा
रही
है
वह
दरअसल
डील
का
हिस्सा
है।
रक्षा
मंत्री
निर्मला
सीतामरण
की
मानें
तो
गोपनीयता
बरतने
का
सरकार
का
फैसला
सही
है
और
कांग्रेस
तथ्यों
को
तोड़-मरोड़कर
पेश
कर
रही
है।
लेकिन
रक्षा
मंत्रालय
का
कहना
है
कि
वह
यूपीए
सरकार
के
ही
नियम
का
पालन
कर
रही
है।
सिंतबर
2016
में
हुई
36
राफेल
की
डील
भारत
ने
सितंबर
2016
में
फ्रांस
के
साथ
एक
इंटर-गर्वनमेंट
समझौते
को
साइन
किया
था।
इसके
तहत
36
राफेल
डील
खरीदने
का
सौदा
हुआ
था।
इस
डील
के
साइन
होने
के
करीब
एक
साल
के
अंदर
पीएम
मोदी
ने
फ्रांस
का
दौरा
किया
था।
इन
फाइटर
जेट्स
की
डिलीवरी
सिंतबर
2019
से
भारत
को
शुरू
होगी
रक्षा
मंत्रालय
की
मानें
तो
सरकार
सिर्फ
पूर्व
में
यूपीए
सरकार
की
ओर
से
गोपनीयता
के
उसी
प्रावधान
का
पालन
कर
रही
है
जो
साल
2008
में
फ्रांस
और
भारत
के
बीच
हुए
समझौते
के
तहत
अमल
में
आया
था।