कांग्रेस ने गुलाम नबी आजाद के करैक्टर पर उठाए सवाल, कहा- उनका DNA मोदीफाई हो गया है
नई दिल्ली, 26 अगस्त: सीनियर लीडर गुलाम नबी आजाद के कांग्रेस छोड़ने के बाद पार्टी ने तीखा हमला बोला है। कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने उनके चरित्र पर सवाल उठाया है। जयराम रमेश ने जारी बयान में कहा गया है कि, गुलाम नबी आजाद का डीएनए मोदीफाइड हो गया है। उन्होंने कहा कि एक ऐसे शख्स को जिसे कांग्रेस की लीडरशिप ने इतना सम्मान दिया, उसने बेहद निजी और घटिया हमले करके विश्वासघात किया है।
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गुलाम नबी आजाद के इस्तीफे बाद पार्टी के महासचिव जयराम रमेश ने कहा कि, जिस व्यक्ति को कांग्रेस नेतृत्व ने सबसे अधिक सम्मान दिया है, उसने बेहद निजी और घटिया हमले करके विश्वासघात किया है। जो उसका असली चरित्र को प्रकट करता है। गुलाम नबी आजाद का डीएनए मोदीफाइड हो गया है। जयराम ने कहा कि ,जिस व्यक्ति को कांग्रेस नेतृत्व ने सबसे ज़्यादा सम्मान दिया, उसी व्यक्ति ने कांग्रेस नेतृत्व पर व्यक्तिगत आक्रमण करके अपने असली चरित्र को दर्शाया है। पहले संसद में मोदी के आंसू, फिर पद्म विभूषण, फिर मकान का एक्सटेंशन... यह संयोग नहीं सहयोग है !
जयराम रमेश ने कहा कि, गुलाम नबी का इस समय इस्तीफा देना दुर्भाग्यपूर्ण है। उनका इस्तीफा हमारे लिए दुख की बात है। यह वक्त गरीबों की आवाज उठाने का था लेकिन उन्होंने इस्तीफा दे दिया। कांग्रेस इस समय सरकार के खिलाफ जोरदार अभियान चला रही है, उनको साथ होना चाहिए था।
'दुख है कि गुलाम नबी आजाद ने ऐसे वक्त पर पार्टी छोड़ी जब...', कांग्रेस ने इस्तीफे क्या कहा, जानिए
कांग्रेस के एक अन्य नेता संदीप दीक्षित ने भी गुलाम नबी आजाद के फैसले पर सवाल उठाते हुए कहा कि मुझे इसमें विश्वासघात की बू आ रही है। उन्होंने कहा कि पार्टी में रहना जरूरी था। गुलाम नबी आजाद ने कांग्रेस की अध्यक्ष सोनिया गांधी को 5 पन्नों का इस्तीफा भेजा है। उन्होंने अपने पत्र में राहुल गांधी पर भी निशाना साधा। उन्होंने कहा, राहुल अपने आस-पास अनुभवहीन लोगों को रखते हैं और वरिष्ठ नेताओं को साइडलाइन कर दिया। उन्होंने कहा, ऐसा लगता है कि कांग्रेस में राहुल गांधी के सुरक्षाकर्मी और पर्सनल स्टाफ ही सारे फैसले ले रहे हैं। दुर्भाग्य से राहुल गांधी के राजनीति में आने के बाद जब उन्हें पार्टी का उपाध्यक्ष बनाया गया था, उन्होंने कांग्रेस के कार्य करने के तौर-तरीकों को खत्म कर दिया। उन्होंने संपूर्ण सलाहकार तंत्र को ध्वस्त कर दिया।