कोरोना की तीसरी लहर में बच्चों पर होगा सबसे ज्यादा खतरा, इस महीने तक दस्तक देने की आशंका
बेंगलुरु, 6 मई: भारत सरकार के मुख्य वैज्ञानिक सलाहकार विजय राघवन ने कल ही चेतावनी दी है कि कोरोना की दूसरी लहर के बाद तीसरी लहर भी निश्चित आएगी और इसके लिए पहले से तैयारी करके रखनी होगी। हालांकि, उन्होंने इस लहर के आने को लेकर कोई समय-सीमा नहीं बताई है। इस बीच देश के जाने-माने वायरोलॉजिस्ट डॉक्टर वी रवि ने तीसरी लहर को लेकर इससे भी आगे की बात कह दी है। उन्होंने चेताया है कि तीसरी लहर सबसे ज्यादा बच्चों को अपनी चपेट में लेगी और इसीलिए इसकी अभी से तैयारी करके रख लेने की आवश्यकता है। उन्होंने तीसरी लहर को लेकर एक संभावित समय-सीमा की ओर भी इशारा किया है और केंद्र के साथ-साथ राज्य सरकारों से अभी से बच्चों की कोविड से सुरक्षा के लिए रणनीति बनाकर रख लेने का सुझाव दिया है।
कोरोना की तीसरी लहर बच्चों के लिए होगी खतरनाक-वायरोलॉजिस्ट
वायरोलॉजिस्ट डॉक्टर रवि ने कोरोना वायरस की तीसरी लहर को लेकर बहुत बड़ी चेतावनी दी है और कहा है कि यह लहर बच्चों के लिए बहुत ही ज्यादा खतरनाक साबित होने वाली है। उन्होंने अक्टूबर और दिसंबर के बीच इस लहर के आने की आशंका जताते हुए केंद्र और राज्य सरकारों से कहा है कि उससे पहले बच्चों की सुरक्षा के लिए कारगर तैयारी कर लेना जरूरी है। उन्होंने कहा है, 'इस बात को ध्यान में रखते हुए कि अगली लहर बच्चों को सबसे ज्यादा प्रभावित करेगी, अगले शैक्षणिक साल में स्कूलों की शुरुआत को लेकर सरकार को कुछ महत्वपूर्ण नीतिगत फैसले ली जानी चाहिए। बच्चों पर इसलिए भी ज्यादा खतरा है, क्योंकि उन्हें वैक्सीन भी नहीं पड़ रही है। क्या हम उनका लगातार टेस्ट करने जा रहे हैं ताकि जल्दी से पता चल जाए, जैसा कि पश्चिमी देश करते हैं?'
पीडियाट्रिक कोविड केयर वार्ड और आईसीयू तैयार हो-वायरोलॉजिस्ट
रवि कर्नाटक के कोविड टेक्निकल एडवाइजरी कमिटी के सदस्य भी हैं। उन्होंने इस बात पर जोर दिया है कि कोविड-संक्रमित बच्चों के इलाज के लिए मेडिकल इंफ्रास्ट्रक्चर तैयार करना चाहिए। उनकी चिंता है कि 'हमारे पास पर्याप्त पीडियाट्रिक कोविड केयर वार्ड और बच्चों के लिए आईसीयू नहीं हैं। इसे तत्काल बढ़ाया जाना चाहिए।' इसके अलावा उन्होंने सरकार को भीड़ रोकने के लिए कड़े कदम उठाने को भी कहा है। उनका कहना है, 'कुछ कड़े कदम निश्चित उठाने होंगे। किसी भी तरह की राजनीतिक या धार्मिक जमावड़े को इजाजत नहीं मिलनी चाहिए। सभी तरह के सुपरस्प्रेडर कार्यक्रम जैसे कि शादियों पर पूरी तरह से पाबंदी लगाई जाए। हम आजीविका और अर्थव्यवस्था को प्राथमिकता देने के लिए उसे पूरी तरह से जारी नहीं रहने दे सकते। हमें कड़ाई करनी होगी।'
बीएमसी ने पीडियाट्रिक कोविड केयर वार्ड बनाने शुरू किए
कोविड की पहली और दूसरी दोनों लहर में महाराष्ट्र सबसे ज्यादा प्रभावित रहा है। यूं कह लीजए जब देश में कोरोना के मामले स्थिर थे, तब भी वहां और केरल में संक्रमण रुकने का नाम नहीं ले रहे थे। अब जब एक्सपर्ट तीसरी लहर को लेकर अभी से गंभीर चेतावनी दे रहे हैं और उसमें भी बच्चों को लेकर ज्यादा चिंता जताई जा रही है तो मुंबई में महाराष्ट्र सरकार और बीएमसी ने इसके लिए समय पर कदम उठाने की कोशिशें शुरू कर दी हैं। मायानगरी में पीडियाट्रिक कोविड केयर वार्ड तैयार किए जा रहे हैं। जहां तक प्रदेश में कोविड संक्रमण के जो नए मामले देखने को मिल रहे हैं, उसमें शून्य से 10 साल के बच्चों में इसका प्रतिशत 3.04 है और 10 से 20 साल के बच्चों, किशोरों और युवाओं में यह 6.80 फीसदी दर्ज किया गया है। लेकिन, एक्सपर्ट तीसरी लहर में इसकी भयानकता की ओर इशारा कर रहे हैं।
दूसरी लहर को समझ पाने में कहां चुक हो गई ?
क्या दूसरी लहर को समझ पाने में चुक हो गई ? इसके बारे उनका (डॉक्टर रवि) आरोप है कि सरकारों ने विशेषज्ञों की बात नहीं सुनी। वो बोले- 'भारत ने पहली लहर को जिस तरह से हैंडल किया वह बहुत ही सराहनीय है, लेकिन उसके बाद खतरनाक दूसरी लहर को लेकर एक्सपर्ट की चेतावनियों को गंभीरता से नहीं लिया गया.....कोविड को वैज्ञानिक और डेटा आधारित हस्तक्षेपों के बिना अच्छी तरह से मैनेज नहीं किया जा सकता।'