छत्तीसगढ: मां के खिलाफ बेटा हो रहा था बागी, राहुल गांधी ने फोन करके मनाया
रायपुर। छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव में दंतेवाड़ा सीट को लेकर काफी समय से चल रहा बस्तर टाइगर के परिवार का राजनीतिक विवाद थम गया है। खबर है कि कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी के खुद फोन करने के बाद महेन्द्र कर्मा की पत्नी देवती कर्मा के सामने चुनाव लड़ने का ऐलान कर चुके बेटे छविन्द्र कर्मा ने नाम वापस ले लिया है।
टिकट
न
मिलने
से
नाराज
थे
छविन्द्र
छविन्द्र
कर्मा
कांग्रेस
से
टिकट
की
मांग
कर
रहे
थे,
लेकिन
उनकी
जगह
कांग्रेस
ने
फिर
से
विधायक
देवती
कर्मा
को
टिकट
दी।
इससे
नाराज
छविन्द्र
ने
निर्दलीय
आवेदन
किया
था।
छविन्द्र
के
नामांकन
जमा
करने
के
बाद
से
कांग्रेस
के
आला
नेता
उन्हें
मनाने
में
लगे
रहे।
अंतत:
छविन्द्र
ने
नाम
वापस
लेने
पर
सहमति
जता
दी.
छविन्द्र
के
इस
निर्णय
के
बाद
से
दंतेवाड़ा
सीट
पर
कांग्रेस
और
मजबूत
हुई
है।
दंतेवाड़ा
सीट
कांग्रेस
का
गढ़
मानी
जाती
है
बस्तर
में
कांग्रेस
का
प्रभाव
काफी
अच्छा
है
12
सीटों
में
से
8
पर
कांग्रेस
का
कब्जा
है।
सत्ता
की
चाबी
भी
पहले
चरण
के
चुनाव
से
मिलने
वाली
है
ऐसे
में
कांग्रेस
किसी
भी
हालत
में
बस्तर
की
कोई
भी
सीट
गंवाना
नहीं
चाहती।
यदि
बात
दंतेवाड़ा
सीट
की
करें
तो
इस
पर
हमेशा
से
ही
कांग्रेस
का
कब्जा
रहा
है।
कांग्रेस
के
कद्दावर
नेता
रहे
महेन्द्र
कर्मा
इसी
सीट
से
लड़ते
थे
उनका
पूरे
बस्तर
में
दबदबा
था।
यदि
मां-बेटे
की
झगड़े
में
ये
सीट
फंस
जाती
तो
उसका
फायदा
सीधे
भाजपा
को
मिलता
औऱ
भाजपा
बाकि
सीटों
पर
भी
इसे
भुनाने
की
कोशिश
करती।
इस
झगड़े
की
सुलह
से
जहां
कांग्रेस
की
हिम्मत
बढ़ी
है
वहीं
भाजपा
ने
एक
चुनावी
हथियार
खो
दिया
है।