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5 बार MA करने के बाद भी नौकरी ना मिली तो गोरेलाल ने गोबर से यूं शुरू की कमाई, अब खरीदी स्कूटी

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रायपुर। सड़कों पर पड़े गोबर को अक्सर हम अनदेखा कर निकल जाते हैं, लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि, सड़कों पर पड़ा यह गोबर किसी के लिए कितने काम की चीज साबित हो सकता है। सड़कों पर पड़ा ये गोबर छत्तीसगढ़ के धमतरी जिले के रहने वाले युवक के लिए कमाई का जरिया बन गया है। बेरोजगार गोरेलाल साहू ने गोबर को अपने रोजगार का जरिया बना लिया है। उनके इस रोजगार की शुरूआत छत्तीसगढ़ की भूपेश सरकार की 'गोधन न्याय योजना' से हुई।

 'गोधन न्याय योजना' ने किस्मत बदल दी

'गोधन न्याय योजना' ने किस्मत बदल दी

एमए और आईटीआई डिप्लोमा होल्डर गोरेलाल साहू धमतरी जिले के ग्राम भटगांव के रहने वाले है। इनती पढ़ाई के बाद भी अभी तक बेरोजगार बैठे गोरेलाल के लिए भूपेश सरकार की 'गोधन न्याय योजना' ने उनकी किस्मत बदल दी। साहू गोबर बीनकर हर रोज 300 रुपये कमा रहा है। गांव में मजदूरी कर किसी तरह वह जीवन यापन कर रहा गोरे लाल के लिए गोधन न्याय योजना के तहत शुरू हुए गोबर खरीदी उनके लिए रोजगार का एक बड़ा जरिया बन गया।

5 डिग्रियों के बाद भी बेरोजगार थे गोरेलाल

5 डिग्रियों के बाद भी बेरोजगार थे गोरेलाल

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, गोरेलाल साहू ने एमए तक की पढ़ाई की है। वह स्नातकोत्तर की पांच डिग्री हासिल की है। राजनीति शास्त्र, हिंदी लिटरेचर, समाजशास्त्र व अन्य विषयों में एम ए किया है। इसके अलावा दो बार आईटीआई डिप्लोमा है। इलेक्ट्रीशियन और वेल्डर में डिप्लोमा हासिल की है। लेकिन इसके बावजूद उन्हें सरकारी नौकरी नहीं मिल सकी। ऐसे में गोधन न्याय योजना उनके लिए रोजगार का अवसर लेकर आई।

कमाई से खरीदी स्कूटी

कमाई से खरीदी स्कूटी

सरकार द्वारा इस योजना की शुरुआत करने के बाद वे हर रोज सुबह ढाई से तीन घंटे गांव में पड़े गोबर को एकत्र करते हैं। यहां तक वह तीन परिवारों से एक रुपए में गोबर की खरीदी करते हैं। जिसे दो रुपये में बेचते हैं। इस तरह एक दिन में वह डेढ़ क्विंटल गोबर एकत्र कर रोज बेच रहे हैं। माह में 9000 रुपये आमदनी हो रही है। गोबर मिलने की कमाई से इलेक्ट्रिक बाइक खरीदी है। पहले वे साइकिल की मदद से गोबर इकट्ठा करते थे, अब वह स्कूटी के जरिए गोबर इकट्ठा कर रहे हैं।

सीएम भूपेश बघेल ने की तारीफ

शुरुआत में कई लोगों ने गोबर बीनने के इस काम को लेकर उन्हें ताने मारे, लेकिन वह इसे रोजगार मानते हुए हताश नहीं हुआ। जब उनकी कमाई के बारे में लोगों को पता चला तो वे दंग रह गए। उनकी देखा-देखी में अब कई युवकों ने गोबर को इकट्ठा करने का काम शुरू कर दिया है। गोरेलाल लाल साहू के पास दो एकड़ की खेती जमीन है। जिस पर वह खेती करता है। उनके परिवार में पत्नी और दो बेटियां हैं। गोरेलाल के प्रयासों की सीएम भूपेश बघेल ने प्रशंसा की है। सीएम ने ट्वीट कर लिखा कि, बापू के ग्राम स्वाबलंबन और नवा छत्तीसगढ़ की सुदृढ़ होती ग्रामीण अर्थव्यवस्था का प्रमाण हैं गोरेलाल जी। ये हकीकत हम सबको हौसला देती है कि दिशा सही है।

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फोटो साभार: सोशल मीडिया

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English summary
chhattisgarh dhamtari cow dung gorelal sahoo godhan nyay yojana bhupesh baghel
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