अरुण शौरी, प्रशांत भूषण से CBI चीफ की मुलाकात पर मोदी सरकार नाराज
नई दिल्ली। राफेल के मुद्दे पर पूर्व केंद्रीय मंत्री अरुण शौरी और वकील प्रशांत भूषण की सीबीआई चीफ आलोक वर्मा से मुलाकात से सरकार खुश नहीं है। एक वरिष्ठ अधिकारी ने पूरे मामले पर कहा कि सीबीआई प्रमुख का नेताओं से मुलाकात करना असामान्य बात है। अरुण शौरी और प्रशांत भूषण ने पिछले हफ्ते सीबीआई निदेशक मुलाकात की थी, दोनों ने उन्हें दस्तावेज सौंपते हुए राफेल सौदे और ऑफसेट समझौते में कथित भ्रष्टाचार की जांच की मांग की थी।
राफेल डील की जांच के मामले पर सीबीआई चीफ से मिले दोनों नेता
सरकार के एक अधिकारी ने कहा कि ऐसा पहली बार है जब नेताओं ने सीबीआई चीफ से उनके कार्यालय में मुलाकात की और ये असामान्य है। अधिकारी का ये बयान ये इशारा करता है कि सरकार इस मुलाकात खुश नहीं है। अधिकारी ने आगे कहा कि सामान्यतया, कोई नेता सीबीआई प्रमुख से मिलने का वक्त मांगते हैं तो उन्हें मुख्यालय में शिकायतें या दस्तावेज सौंपने को कहा जाता है।
सरकार इस मुलाकात से खुश नहीं
अधिकारी ने साथ ही ये भी कहा कि कुछ सरकारी अधिकारी उपद्रवी हो गए हैं और वे आपस में ही तीखी तकरार कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि अगर ऐसी लड़ाई जारी रहती है तो संबंधित संगठनों को ही नुकसान पहुंचेगा। सीबीआई चीफ आलोक वर्मा का कार्यकाल जनवरी, 2019 तक है और वे एजेंसी के विशेष निदेशक राकेश अस्थाना के साथ विवाद में उलझे हैं। कई मौकों पर दोनों पक्ष सार्वजनिक रूप से एक दूसरे के खिलाफ आरोप लगाते दिखाई दिए हैं।
राफेल डील की जांच कराने की कही बात
बता दें कि अरुण शौरी मोदी सरकार के मुखर आलोचक रहे हैं। वहीं प्रशांत भूषण भी आम आदमी पार्टी के पूर्व नेता व वकील हैं और कई मामलों पर सरकार की तीखी आचोलना कर चुके हैं। अपनी मुलाकात में शौरी और भूषण ने सीबीआई निदेशक से कहा है कि कानून के अनुसार राफेल डील की जांच शुरू करने के लिए सरकार की अनुमति लें।