अब पश्चिम बंगाल में कोरोना संक्रमण पर सीधे नजर रखेगा केंद्र, ऐप के जरिए मिलेगी सही जानकारी
नई दिल्ली। कोरोना वायरस से संक्रमित और इससे मरने वालों की संख्या को लेकर लगातार केंद्र और राज्य के आंकड़ों में मतभेद बना हुआ है। दिल्ली, पश्चिम बंगाल के कोरोना संक्रमण के आंकड़े केंद्र के आंकड़ों से अलग है, जिसके बाद अब केंद्र सरकार ने बड़ा फैसला लिया है। केंद्र सरकार अब पश्चिम बंगाल के कोरोना संक्रमण के आंकड़े सीधे हासिल करने की तैयारी कर रही है। सरकार की ओर से यह फैसला इसलिए लिया गया है ताकि उसे पश्चिम बंगाल सरकार का आंकड़ों के लिए इंतजार नहीं करना पड़े और उसे सीधे कोरोना के आंकड़े मिल सके।

आईसीएमआर और एनआईसी ने आरटी-पीसीआर एप को बनाया है जोकि देशभर में स्वास्थ्यकर्मियों के लिए टूल के तौर पर काम करेगी। जो लोग कोरोना के सैंपल इकट्ठा कर रहे हैं, वह सीधे आईसीएमआर को रैपिड टेस्ट के नतीजे इस ऐप के जरिए दे सकते हैं। दरअसल प्रदेश सरकार कोरोना वायरस संक्रमित लोगों की सही संख्या नहीं दे रही थी और वास्तविक आंकड़ों की तुलना में प्रदेश सरकार कम संख्या दे रही थी, जिसके बाद केंद्र सरकार ने यह तरीका ढूंढ़ निकाला है, जिससे सीधे सरकार को कोरोना के सही आंकड़े मिल सके।
इस मोबाइल ऐप के जरिए मेडिकल वर्कर कोरोना वायरस से संक्रमित लोगों की संख्या सीधे अपडेट कर सकते हैं। अभी तक इसे मैनुअली भेजा जा रहा था। तमाम फाइलों और रिपोर्ट को पेपर फॉर्मेट में अलग-अलग जिलों से कोलकाता हेडक्वार्टर भेजा जाता था। लेकिन ऐप में अप स्वास्थ्यकर्मी कोरोना पॉजिटिव और निगेटिव आंकड़े रियल टाइम में अपलोड कर सकते हैं, जिसे केंद्र और राज्य सरकार सीधे देख सकती हैं। सरकार अब इस ऐप को तमाम मेडिकल वर्कर्स को मुहैया करा रही है, जो सैंपल इकट्ठा करते हैं या फिर सुदूर क्षेत्र में कोरोना संक्रमित मामलों को देख रहे हैं।
मेदिनीपुर के चीफ मेडिकल ऑफिसर डॉक्टर गिरीश बेरा ने बताया कि यह ऐप ना सिर्फ हमारे सैंपल इकट्ठा करने वालों की मदद करेगा, बल्कि आम लोगों को भी इससे मदद मिलेगी। इस ऐप के जरिए टेस्ट रिजल्ट भी मिलेगा। केंद्र और राज्य दोनों ही सरकारें इस ऐप से जुड़ी हैं। जल्द ही कंटेनमेंट जोन में लोगों के घर-घर जाकर लोगों का टेस्ट किया जाएगा।
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