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CBI के अंतरिम चीफ के खिलाफ याचिका पर सुनवाई से अब एक और जज ने खुद को किया अलग

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नई दिल्ली। जस्टिस एन वी रमन्ना ने गुरुवार को केंद्रीय जांच ब्यूरों सीबीआई के अंतरिम निदेशक के रूप में एम नागेश्वर राव कि नियुक्ति को चुनौती देने वाली याचिका पर सुनवाई से खुद को अलग कर लिया है। एन वी रमन्ना ऐसा करने वाले तीसरे जज बन गए हैं। क्योंकि इससे पहले सीजेआई रंजन गोगोई और जस्टिस सीकरी ने सुनवाई से खुद को अलग कर लिया था। ऐसे में अब इस मामले की सुनवाई नई बेंच करेगी। सुनवाई से हटने के पीछे जस्टिस ने कहा कि एम नागेश्वर राव उनके गृह राज्य से आते हैं, और मैंने उनकी बेटी की शादी भी अटेंड किया था इसलिए खुद को अलग कर रहा हूं।

याचिकाकर्ता ने की है ये मांग

याचिकाकर्ता ने की है ये मांग

समाचार एजेंसी एएनआई के अनुसार जस्टिस रमन्ना ने सीबीआई निदेशक की शॉर्ट-लिस्टिंग, चयन और नियुक्ति की प्रक्रिया में पारदर्शिता की मांग की है। बता दें कि सलेक्शन कमेटी की ओर से आलोक वर्मा को सीबीआई प्रमुख पद से हटाए जाने के बाद एम नागेश्वर राव को अंतरिम निदेशक नियुक्त किया गया है। इस संबंध में याचिकाकर्ता एनजीओ कॉमन कॉज का दावा है कि राव की नियुक्ति चयन पैनल की सिफारिश पर आधारित नहीं थी और इस प्रकार से यह कानून का पूर्ण उल्लंघन है। याचिकाकर्ता ने एक नियमित प्रमुख की नियक्ति की मांग की है।

मानदंडों के सभी रिकॉर्ड उपलब्ध कराए जाएं

मानदंडों के सभी रिकॉर्ड उपलब्ध कराए जाएं

इसके साथ याचिकाकर्ता यह भी चाहते हैं कि पारदर्शिता के कानून के तहत सीबीआई निदेशक की शॉर्ट लिस्टिंग और चयन से संबंधित विचार-विमर्श और मानदंडों के सभी रिकॉर्ड उपलब्ध कराए जाएं। इसके अलावा यचन प्रक्रिया के पूरे पालन की बात भी कही गई है। बता दें कि सीबीआई के नंबर वन आलोक वर्मा और नंबर दो राकेश अस्थान के बीच भ्रष्टाचार के एक मामले को लेकर विवाद खड़ा हो गया था। जिसके बाद दोनों आमने सामने आ गए थे। इसकी वजह से एजेंसी का कामकाज भी प्रभावित हुआ। अस्थाना ने पिछले साल अगस्त में कैबिनेट सचिव को लिखे पत्र में वर्मा के खिलाफ भ्रष्टाचार के आरोप लगाए थे।

अस्थाना पर पिछले साल अक्टूबर में एफआईआर दर्ज की थी

अस्थाना पर पिछले साल अक्टूबर में एफआईआर दर्ज की थी

सीबीआई ने खुद अपने ही अधिकारी अस्थाना पर पिछले साल अक्टूबर में एफआईआर दर्ज की थी। लेकिन ये विवाद इतना बढ़ गया कि सरकार को हस्तक्षेप करना पड़ा। इसके बाद रातो रात आलोक वर्मा को छुट्टी पर भेज दिया गया। जिसके बाद आलोक वर्मा ने सरकार के इस फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी। जहां कोर्ट ने मामले की सुनवाई करते हुए आलोक वर्मा को सीबीआई निदेशक के पद पर बहाल कर दिया। लेकिन इसके बाद पीएम की नेतृत्व वाली चयन समिति ने आलोक वर्मा को सीबीआई निदेशक पद से मुक्त करने करने का फैसला किया।

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English summary
Justice NV Ramana recuses from hearing the plea on M Nageswara Rao appointment as interim CBI director
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