मुसीबत के वक्त क्या आपके परिजन आपके अकाउंट को ऑपरेट कर सकते हैं, जानें जरूरी बातें
नई दिल्ली। सेविंग अकाउंट बजत का सबसे अच्छा तरीका माना जाता है। आप इस अकाउंट में अपनी जमा राशि पर ब्याज भी कमा सकते है। भले ही इस पर ब्याज एफडी से कम है, लेकिन सेविंग अकाउंट में आपको ये सुविधा मिलती है कि आप जब चाहे अपनी राशी को जमा कर सकते है और जब चाहे तब निकाल सकते है। सेविंग अकाउंट आपके अधिकार में होता है। बिना आपकी मर्जी के कोई आपके खाते में तांक-झांक नहीं कर सकता है, लेकिन कई बार ये आपके परिवारवालों के लिए मुश्किल खड़ी कर देता है। लेकिन आज हम आपको बता रहे हैं कि कैसे आपके परिवारवाले आपके सेविंग अकाउंट को आपकी अनुपस्थिति में ऑपरेट कर सकते है।
नॉमिनी भरते समय रखे ध्यान
बैंक
खाता
खोलते
वक्त
नॉमिनी
का
विकल्प
चुनना
और
नॉमिनी
का
चुनाव
करना
एक
बेहतर
विकल्प
है।
बैंक
हर
खाता
धारक
को
अपना
नॉमिनी
चुनने
का
अधिकार
देती
है
।
नॉमिनी
अकाउंट
होल्डर
की
मृत्यु
के
बाद
या
फिर
आपात
की
स्थिति
में
बैंक
में
जमा
अकाउंट
होल्डर
की
धनराशि
का
उत्तराधिकारी
होता
है।
ऐसे
में
हमेशा
खाता
खोलते
वक्त
नॉमिनी
का
चुनाव
करना
चाहिए।
हालांकि
नॉमिनी
चुनना
अनिवार्य
नहीं
है,
लेकिन
इसे
चुनना
बेहतर
विकल्प
है।
अगर नहीं बनाया नॉमिनी
कई
बार
लोग
अपने
नॉमिनी
का
चुनाव
नहीं
करते
है।
ऐसी
स्थिति
में
खाताधारक
के
बाद
उसकी
जमा
धनराशि
पर
किसका
अधिकार
होगा
और
उसे
कैसे
मिलेगा
ये
बड़ा
सवाल
है।
हम
आपको
इसके
बारे
में
बता
रहे
है।
ऐसा
स्थिति
में
अगर
खाता
ज्वाइंट
अकाउंट
है
तो
तो
ऐसे
मामले
में
खाते
में
रखा
पैसा
उत्तराधिकार
के
खाते
में
चला
जाता
है।
लेकिन
अगर
ज्वाइंट
अकाउंट
में
नॉमिनी
है
तो
बैंक
आपकी
जमा
राशि
नॉमिनी
के
नाम
कर
देगी।हालांकि
अगर
कोई
विवाद
की
स्थिति
है
या
कोई
बसीयत
की
स्थिति
है
तो
प्रक्रिया
काफी
लंबी
हो
सकती
है।
बुजुर्ग/बीमार और शारीरिक रूप से अक्षम लोगों के लिए
आरबीआई के नियमों के मुताबिक अगर कोई खाता धारक काफी बुजुर्ग है या फिर बीमार है या फिर शारीरिक रूप से अक्षम है और बैंक आने में असमर्थ है तो परिवारवाले चेक या फिर विड्रॉल फॉर्म पर उसके अंगूठे का निशान या फिर साइन लेकर खाते से पैसे निकाल सकते है, लेकिन ऐसा दो गवाहों की मौजूदगी में होगा, जिसमें से एक बैंक के अधिकारी होंगे।
लापता शख्स का बैंक अकाउंट
अगर कोई खाताधारक लापता हो गया हो तो उसके बैंक खाते से पैसा निकालने के लिए उनके परिवारवालों को कोर्ट के सामने खाताधरक को मृत घोषित कर प्रमाणपत्र हासिल करना होगा। लपता शख्स अगर 7 साल से गायब है तो उसे मृत माना जाता है। ऐसी स्थिति में खाताधारक का नॉमिनी या वारिस दस्तावेज दिखाकर उस धनराशि को हासिल कर सकता है।
उत्तराधिकार प्रमाण पत्र
अगर
किसी
ने
अपना
खाते
में
न
तो
नॉमिनी
का
चुनाव
किया
है
और
न
ही
उसका
कोई
ज्वाइंट
अकाउंट
है
तो
खाताधारक
के
परिजनों
को
बैंक
खाते
में
रखे
धनराशी
को
हासिल
करने
के
लिए
उत्तराधिकारी
होने
का
प्रमाण
देना
होगा।
इसके
लिए
परिवार
के
सदस्य
को
कानूनी
वारिस
होने
का
सबूत
देना
होगा
।
या
तो
उसे
वसीयत
दिखानी
होगी
या
फिर
उत्तराधिकार
प्रमाण
पत्र
बैंक
को
दिखाना
होगा।
न हो कोई वारिस
अगर
खाताधारक
का
कोई
दावेदार
नहीं
है
तो
बैंक
उस
खाते
को
निष्क्रिय
खाते
में
बदल
देती
है।
अगर
कोई
व्यक्ति
उस
खाताधारक
का
क़ानूनी
वारिस
दावा
पेश
करता
है
तो
पूरी
जांच
के
बाद
उसके
सेविंग
अकाउंट
में
सारी
धनराशी
ट्रांसफर
कर
दी
जाती
है।
लेकिन
इस
प्रक्रिया
में
वक्त
लगता
है।
बैंक
इस
बात
की
पूरी
तसल्ली
कर
लेता
है
कि
दावा
पेश
करने
वाला
शख्स
कानूनी
तौर
पर
वारिस
है।
रखें इन बातों का ध्यान
बैंक
खाता
खोलते
वक्त
हमेशा
इस
बात
का
ध्यान
रखना
चाहिए
कि
किसी
को
नॉमिनी
बना
ले।
आप
जिससे
करीबी
हैं
या
परिवार
के
किसी
सदस्य
को
अपना
नॉमिनी
बना
लेना
चाहिए।
वहीं
कोशिश
करनी
चाहिए
कि
सेविंग
अकाउंट
हमेशा
ज्वाइंट
में
खोलें।
आप
अपनी
पत्नी
या
फिर
बच्चों
के
साथ
मिलकर
सेविंग
अकाउंट
खोल
सकते
हैं।
ऐसा
करने
से
खाताधारक
के
बाद
उसकी
सारी
धनराशी
आसानी
से
उसके
परिवारवालों
को
मिल
जाएगा।