Karunanidhi के नाम बेटे स्टालिन का भावुक खत, लिखा- आखिरी बार अप्पा कह सकता हूं?
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चेन्नई। इस वक्त पूरा तमिलनाडु गहरे शोक की गिरफ्त में है, वजह है राज्यवासियों के प्रिय नेता और पूर्व सीएम एम करुणानिधि का दुनिया को अलविदा कह देना। भारतीय राजनीति में एक अलग पहचान रखने वाले करुणानिधि ने मंगलवार शाम कावेरी अस्पताल में अंतिम सांस ली। करुणानिधि का दुनिया से जाना राजनीति के बड़े अध्याय के समाप्त होने जैसा है, जिसकी पूर्ति कोई नहीं कर सकता है।
बेटे एमके स्टालिन ने लिखा पिता के नाम भावुक खत...
एक राजनेता के रूप में तो उनके समर्थकों को दुख हो ही रहा है लेकिन एक बेटे के जीवन से उसके पिता का जाना जिंदगी के सबसे बड़े कष्ट में से एक होता है।और इसी कष्ट से इस वक्त करुणानिधि के बेटे और डीएमके के कार्यकारी अध्यक्ष एमके स्टालिन गुजर रहे हैं, जिन्होंने अपने पिता के नाम एक बेहद ही भावुक पत्र लिखा है, जिसे पढ़ने के बाद किसी की भी आंखे भर आएंगी।
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आप हमें लड़खड़ाता छोड़ कहां चले गए?
स्टालिन ने लिखा है- ' आप जहां भी जाते थे ,वह जगह मुझे बताते थे। अब आप मुझे बिना बताए कहां चले गए? आप हमें लड़खड़ाता छोड़ कहां चले गए? यहां वह शख्स लेटा है जिसने सारी जिंदगी बिना थके काम किया, क्या अब आपने तय कर लिया है कि आप तमिल समाज के लिए काम कर चुके हैं? 'या क्या आप कहीं छिप कर देख रहे हैं कि क्या कोई आपके 80 साल के सामाजिक जीवन की उपलब्धियों को पीछे छोड़ सकता है?
क्या कम से कम अब मैं आपको अप्पा कह सकता हूं?
3 जून को अपने जन्मदिन पर मैंने आपसे आपकी क्षमता का आधा मांगा था, क्या अब आप अरिग्नार अन्ना से मिले? अपने दिल को भी मुझे देंगे? 'करोड़ों उडनपिरपुक्कलों (डीएमके काडर) की ओर से मैं आपसे अपील करता हूं कि बस एक बार 'उडनपिरप्पे' बोल दीजिए, मैं आपको अप्पा कहने की जगह अपने जीवन में ज्यादातर समय 'थलाइवर' (नेता) कहता रहा। क्या कम से कम अब मैं आपको अप्पा कह सकता हूं?
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