CCD के मालिक वीजी सिद्धार्थ का शव मिला
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नई दिल्ली। सीसीडी के मालिक और पूर्व केंद्रीय मंत्री एसएम कृष्णा के दामाद वीजी सिद्धार्थ का शव बरामद कर लिया गया है। उनका शव नेत्रावती नदी के पास मिला है। मंगलुरू के पुलिस कमिश्नर संदीप पाटिल ने बताया कि हमने शव को आज सुबह बरामद कर लिया है। इसकी पहचान करने की जरूरत है। हमने परिवार को पहले ही इसकी सूचना दे दी है। हम शव को वेनलॉक अस्पताल शिफ्ट कर रहे हैं। हम मामले की आगे की जांच कर रहे हैं। बता दें कि वीजी सिद्धार्थ सोमवार की रात मंगलुरू से लापता हो गए थे। जिसके बाद से लगातार उनकी तलाश हो रही थी। सिद्धार्थ के कार ड्राइवर के बयान के अनुसार शायद सिद्धार्थ नेत्रावदी नदी में कूदे थे। उसने बताया कि सिद्धार्थ 8 बजे आए और उससे उन्हें उल्लाल ब्रिज पर ले चलने को कहा। लेकिन रास्ते में उन्होंने ड्राइवर को मंगलुरु जाने के लिए कहा। वह उल्लाल पुल पर पहुंचने के बाद वहां कार से नीचे उतर गए। सिद्धार्थ ने अपने ड्राइवर से कहा कि वह थोड़ा आगे बढ़े और रुक जाए। वह चलकर आएंगे लेकिन वह वापस नहीं लौटे।
चिट्ठी आई थी सामने
लापता होने के बाद वीजी सिद्धार्थ की एक चिट्ठी सामने आई थी, जिसमे उन्होंने निवेशकों से माफी मांगी थी। बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स और कॉफी डे फैमिली को लिखी चिट्ठी में वीजी सिद्धार्थ ने कहा है, 'अपने सर्वश्रेष्ठ प्रयासों के बावजूद मैं एक सफल बिजनेस मॉडल बनाने में विफल रहा। मैं इसको अपना सब कुछ दिया, लेकिन उन लोगों को निराश किया जिन्होंने मुझ पर अपना भरोसा बनाए रखा, इस बात का मुझे पछतावा है। मैंने बहुत संघर्ष किया लेकिन आज मैंने हार मान ली क्योंकि एक प्राइवेट इक्विटी पार्टनर के शेयर बायबैक करने का दबाव नहीं झेल सकता था, जो ट्रांजैक्शन मैंने आंशिक रूप से 6 महीने पहले एक दोस्त के साथ पूंजी इकट्ठा करने के लिए किया था।' सिद्धार्थ ने अपने निवेशकों से माफी भी मांगी है।
आयकर विभाग ने किया परेशान
पत्र में उन्होंने इनकम टैक्स के पूर्व डीजी द्वारा परेशान किए जाने का भी जिक्र किया है और लिखा है, 'आयकर के पूर्व डीजी ने दो अलग-अलग मौकों पर शेयर जब्त कर माइंडट्री डील को खत्म करने का प्रयास किया, मैंने रिटर्न भी भर दिया था। ये सरासर गलत था और इस कारण हमें आर्थिक नुकसान झेलना पड़ा।' 'मेरा आग्रह है कि आप लोग मजबूती से नए मैनेजमेंट के साथ बिजनेस को आगे बढ़ाएं, इन तमाम गलतियों और वित्तीय लेन-देन के लिए मैं ही जिम्मेदार हूं। मेरी टीम, ऑडिटर्स और सीनियर मैनेजमेंट को मेरे लेन-देन के बारे में जानकारी नहीं है। कानून को सिर्फ मुझे जिम्मेदार ठहराना चाहिए, इन सबके बारे में मैंने परिवार या किसी अन्य को नहीं बताया है।'
आयकर विभाग की सफाई
वहीं इन आरोपों पर आयकर विभाग ने सफाई दी है। आयकर विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि, कैफे कॉफी डे के खिलाफ जांच के मामले में कानून के मुताबिक ही काम किया गया। आरोपों का जवाब देते हुए आयकर विभाग के अधिकारी ने बताया कि, सर्च या रेड के दौरान पुख्ता सबूत मिलने के बाद ही प्रोविजनल अटैचमेंट की गई थी। विभाग के एक सूत्र ने बताया, 'इस मामले में विभाग ने न्यायसंगत तरीके से ही कार्रवाई की थी।' उन्होंने कहा कि सिद्धार्थ को माइंडट्री के शेयरों को बेचने से 3,200 करोड़ रुपये मिले थे, लेकिन उन्होंने टैक्स के तौर पर महज 46 करोड़ रुपये ही चुकाए, जबकि मिनिमम ऑलटरनेट टैक्स के तहत 300 करोड़ रुपये की देनदारी बनती थी।
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