सरकार कार्यकर्ताओं की गिरफ्तारी कर देश में आतंक और डर फैला रही है: BSP
नई दिल्ली। महाराष्ट्र के भीमा-कोरेगांव हिंसा मामले में मंगलवार को देशभर में ताबड़तोड़ छापे मार माओवादियों से संपर्क रखने के संदेह में करीब 5 वामपंथी विचारकों को गिरफ्तार किया। इन पांचों एक्टिविस्ट की गिरफ्तारी का लोग विरोध कर रहे हैं। बुधवार को बहुजन समाज पार्टी ने बीजेपी पर गंभीर आरोप लगाए। बीएसपी का कहना है कि बीजेपी सरकार भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ रहे दलित, आदिवासियों को दबाने के लिए सत्ता की ताकत का गलत उपयोग कर रही है।
बीएसपी की ओऱ से जारी किए गए बयान में कह गया है कि, देश में दलितों, जनजातियों और पिछड़े समुदायों के उत्पीड़न के खिलाफ अदालत में लड़ने वाले कार्यकर्ताओं की गिरफ्तारी कर सरकार आतंक और डर फैला रही है। भाजपा द्वारा सत्ता की ताकत का दुरुपयोग किया जा रहा है। वहीं भीमा-कोरेगांव हिंसा मामले में सामाजिक कार्यकर्ता गौतम नवलखा की गिरफ्तारी पर हाईकोर्ट ने सवाल किया है। दिल्ली हाईकोर्ट ने पूछा, पुणे पुलिस बताए कि किन ठोस सबूतों के आधार पर इनकी गिरफ्तारी की गई है।
वहीं इस मामले पर राजद प्रमुख लालू यादव ने प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि, ये देश तानाशाही की ओर बढ़ रहा है. पांच बुद्धिजीवियों का गिरफ्तार किया जाना दिखाता है कि देश आपातकाल की ओर बढ़ रहा है. मैं इसकी निंदा करता हूं। बता दें कि महाराष्ट्र के पुणे स्थित भीमा-कोरेगांव में इस साल की शुरुआत में भड़की हिंसा के मामले में पुणे पुलिस ने कई शहरों में एक साथ छापेमारी कर कवि और वामपंथी बुद्धिजीवी वरवर राव, फरीदाबाद से सुधा भारद्वाज और दिल्ली से गौतम नवलखा को गिरफ्तार किया है। वहीं ठाणे से अरुण फरेरा और गोवा से बर्नन गोनसालविस को हिरासत में लिया गया है।
इससे पहले पुलिस ने इस मामले में जून, 2018 में गिरफ्तार पांच लोगों में एक के ठिकाने से पीएम नरेंद्र मोदी की हत्या की साजिश से जुड़ा एक पत्र जब्त किया था। इसमें पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की ही तरह मोदी को भी निशाना बनाने की बात कही गई थी। इस पत्र से ही वरवरा राव का नाम सामने आया था।
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