'दिलीप कुमार का कोई योगदान नहीं..' नसीरुद्दीन शाह ने आखिर क्यों कहा ऐसा?
मुंबई, 13 जुलाई: हिन्दी फिल्मों के प्रसिद्ध और लोकप्रिय अभिनेता दिलीप कुमार का निधन हाल ही में 7 जुलाई को हुआ था। दिलीप कुमार के साथ हिंदी फिल्म जगत के एक युग का भी अंत हो गया। 'ट्रेजडी किंग' ने 98 साल की उम्र में मुंबई के एक अस्पताल में लंबी बीमारी के बाद अंतिम सांस ली। उनके जाने की खबर से पूरी फिल्मी दुनिया में मायूसी छा गई। राजनेताओं से लेकर अभिनेताओं ने उनके निधन पर शोक व्यक्त किया। वहीं अब उनके जाने के बाद बॉलीवुड के दिग्गज अभिनेता नसीरुद्दीन शाह ने दिलीप साहब को देश के उन बेहतरीन एक्टर्स में शुमार किया, जिनकी मौजूदगी ही किसी भी फिल्म को हिट करने के लिए काफी थी। इसके साथ ही उन्होंने कुछ ऐसा भी कहा जो दिलीप कुमार के चाहने वालों को बुरी लग सकती हैं।
नसीर की दिलीप साहब के लिए अलग राय
अपने बेबाक बोल के लिए फेमस नसीरुद्दीन शाह बॉलीवुड के और एक्टर्स की तरह दिलीप साहब के प्रशंसक है। यहां तक की नसीर भारतीय सिनेमा में दिलीप कुमार के योगदान को भी स्वीकार करते हुए लेकिन जब बात फिल्म इंडस्ट्री में उनके योगदान की आती है तो नसीरुद्दीन शाह की इस राय कुछ अलग हैं। नसीरुद्दीन शाह की मानें को दिलीप कुमार ने भविष्य के अभिनेताओं के लिए कोई महत्वपूर्ण कदम नहीं उठाएं।
'नए एक्टर्स को आगे बढ़ाने में कोई योगदान नहीं'
इंडियन एक्सप्रेस की एक रिपोर्ट के मुताबिक नसीरुद्दीन शाह ने बताया कि दिलीप कुमार ने एक सुपरस्टार होने के नाते हिंदी फिल्म इंडस्ट्री या नए एक्टर्स को आगे बढ़ाने में कोई अहम योगदान नहीं दिया। नसीर ने इस बात पर अफसोस जताया कि दिलीप साहब ने अपने अनुभव का फायदा उठाते हुए इंडस्ट्री के किसी भी एक्टर को तैयार करने की जहमत नहीं उठाई। यहीं नहीं उन्होंने यहां तक भी कहा कि दिलीप कुमार एक्टिंग में 'नाटकीयता, तीखी आवाज और लगातार हाथ हिलाना के मानकों का पालन नहीं करते थे। उनकी इस स्टाइल ने इंडियन फिल्मों में एक प्रतिमान स्थापित किया था। यहां तक की उनके इस अंदाज को कई एक्टर्स ने फॉलो करने की कोशिश की, लेकिन वह नकल जैसा लगता था।
5 दशकों से ज्यादा का फिल्मी सफर
नसीरुद्दीन शाह ने आगे कहा कि महानता के बावजूद उन्होंने अपने तरह के सिनेमा के लिए कुछ खास योगदान नहीं किया। नसीरुद्दीन के मुताबिक वह जिस जगह में थे, उसे देखते हुए यह साफ है कि उन्होंने अभिनय और अपने दिल के करीब सामाजिक कार्यों में शामिल होने के अलावा कुछ नहीं किया। नसीरुद्दीन ने गंगा जमना (1961) से पहले दिलीप के कामों की तारीफ की। बता दें कि अपने पांच दशकों से ज्यादा के फिल्मी करियर में दिलीप कुमार ने कई भूमिकाएं निभाईं, जिसके बाद उन्हें अभिनय में एक संस्था माना जाता है।
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