दिल्ली के प्रदूषण पर बैठक छोड़ इंदौर में जलेबी खाने को लेकर ट्रोल होने के बाद गंभीर ने दी सफाई
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नई दिल्ली। दिल्ली में वायु प्रदूषण को लेकर बुलाई गई संसदीय समिति की बैठक में शामिल ना होने को लेकर भाजपा सांसद गौतम गंभीर ने सफाई दी है। दिल्ली में बैठक छोड़ इंदौर में जलेबी खाते हुए फोटो को लेकर ट्विटर पर आलोचना का सामना करने के बाद गंभीर ने अपना बयान जारी किया है। पूर्वी दिल्ली से सांसद गौतम गंभीर ने कहा है कि अगर मुझे गाली देने से दिल्ली का प्रदूषण कम होता है तो आप मुझे जी भरकर गाली दीजिए। मैं काम कर रहा हूं और करता रहूंगा।
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ट्विटर पर जारी किया बयान
गौतम गंभीर ने ट्विटर पर अपना बयान पोस्ट किया है। इसमें उन्होंने कहा है, कि मैंने अपने संसदीय क्षेत्र और दिल्ली के लिए लगातार काम किया है। कई ऐसी कोशिशें मेरी और से हुई जिनसे प्रदूषण में कमी आए। कुछ लोग बेवजह निशाना बना रहा हैं लेकिन मेरा काम खुद सबको जवाब देगा। उन्होंने और भी कई बातें अपने बयान में कही हैं।
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क्यों सोशल मीडिया पर निशाने पर आए गंभीर
शुक्रवार को केंद्रीय शहरी विकास मंत्रालय ने संसदीय समिति की बैठक बुलाई थी। इसके सदस्य गंभीर भी हैं। गंभीर इन दिनों इंदौर में क्रिकेट मैच की कमेंट्री कर रहे हैं। जब मीटिंग का समय था, तो वो इंदौर में जलेबी खा रहे थे। सोशल मीडिया पर उनकी जलेबी खाते हुए तस्वीरें आईं तो आम आदमी पार्टी और कई यूजर्स ने सवाल उठा दिए। इन्होंने कहा कि सांसद का बैठक छोड़ दूसरे शहर में जलेबी खाना जिम्मेदारी का अहसास ना होना है। आम आदमी पार्टी विधायक सौरभ भारद्वाज ने ट्वीट किया, बीजेपी ने प्रदूषण पर खानापूर्ति करने को संसदीय समिति की मीटिंग बुलाई। सांसद गौतम गंभीर ट्विटर पर तो ज्ञान देते हैं मगर इस मीटिंग में नहीं आते। वो जलेबी खा रहे हैं। गौतम गंभीर अर्बन डेवलपमेंट पर बनी संसद की स्टैंडिंग कमेटी के सदस्य हैं। इस कमेटी में वह दिल्ली के सात में से इकलौते सांसद हैं।
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बैठक ही करनी पड़ी रद्द
शुक्रवार को केंद्रीय शहरी विकास मंत्रालय ने संसदीय समिति की बैठक बुलाई थी। इस मीटिंग में कुल 29 सांसदों को बुलाया गया था लेकिन सिर्फ 4 सांसद ही पहुंचे। कमेटी अध्यक्ष जगदंबिका पाल, हसनैन मसूदी, सी आर पाटिल और संजय सिंह ही बैठक के लिए मौजूद रहे। वहीं दिल्ली नगर निगम का रवैया भी लापरवाही का रहा। तीनों एमसीडी के मुखिया मीटिंग में नहीं पहुंचे। तीनों नगर निगमों के कमिश्नरों, डीडीए के उपाध्यक्ष और पर्यावरण सचिव व संयुक्त सचिव के बैठक में अनुपस्थित होने की वजह से मीटिंग रद्द करनी पड़ी। बैठक में केवल पर्यावरण मंत्रालय की तरफ से डिप्टी सेक्रेटरी लेवल के अधिकारी पहुंचे तो डीडीए की तरफ से भी जूनियर अधिकारी ही आए।