बिहार के बाद बीजेपी को इस राज्य में भी लगने जा रहा है बड़ा झटका, समर्थन वापसी की तैयारी में जेडीयू
इम्फाल, 30 अगस्त: बिहार के अलावा एक और राज्य है, जहां भाजपा की सरकार को नीतीश कुमार की पार्टी जनता दल (यूनाइटेड) का समर्थन हासिल है। बिहार में नीतीश भाजपा को गच्चा दे चुके हैं। अब अगले राज्य में भी जेडीयू बीजेपी सरकार से समर्थन वापसी की तैयारी में जुटी हुई है। यह राज्य है- पूर्वोत्तर का मणिपुर। यहां मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह की सरकार को जेडीयू के विधायकों का भी समर्थन हासिल है। लेकिन, बिहार के राजनीतिक घटनाक्रम को देखने के बाद जेडीयू की प्रदेश इकाई ने वहां भी बीजेपी से नाता तोड़ने की तैयारी कर ली है और अगले महीने के पहले हफ्ते में इसपर पार्टी नेतृत्व की मुहर लगने की संभावना है।
मणिपुर में भाजपा सरकार से समर्थन वापसी की तैयारी में जेडीयू
बिहार में भाजपा को झटका देने के बाद नीतीश कुमार की पार्टी जनता दल (यूनाइटेड) मणिपुर में भी बीजेपी सरकार से समर्थन वापस लेने की तैयारी में जुट चुकी है। एचटी की एक रिपोर्ट के मुताबिक पार्टी की प्रदेश इकाई ने भाजपा की अगुवाई वाली गठबंधन सरकार से बाहर निकलने की प्रक्रिया को अमलीजामा पहनाने की तैयारी शुरू कर दी है। जेडीयू की मणिपुर इकाई के अध्यक्ष केएसएच बीरेन सिंह ने कहा है, 'हम समर्थन वापस लेने की प्रक्रिया में हैं।' साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि 'लेकिन, हम लोग कुछ औपचारिकाताओं का इंतजार कर रहे हैं।'
प्रदेश इकाई शुरू कर चुकी है प्रक्रिया
जेडीयू नेता और पूर्व में एमएलए रहे केएसएच बीरेन इम्फाल पूर्वी जिला के लामलाई विधानसभा क्षेत्र से पिछला चुनाव हार गए थे। उन्होंने कहा है कि वे लोग 3-4 सितंबर को पटना में होने वाली राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक के दौरान जेडीयू के राष्ट्रीय नेताओं से मिलेंगे। उनका कहना है कि मणिपुर के जेडीयू एमएलए भी इस बैठक में शामिल हो रहे हैं। बिहार में जब जेडीयू ने एनडीए से नाता तोड़ लिया, फिर वह केंद्र में भी बीजेपी से अलग हो गई। इसी दौरान 10 अगस्त को इंफाल में पार्टी की प्रदेश कार्यकारिणी की हुई बैठक में ही प्रदेश इकाई ने मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह की अगुवाई वाली सरकार को समर्थन रोकने की प्रक्रिया शुरू कर दी थी।
मणिपुर में भाजपा है सबसे बड़ी पार्टी
जदयू प्रदेश कार्यकारिणी की उसी बैठक में भाजपा सरकार से बाहर निकलने को लेकर चर्चा हुई थी, लेकिन वे लोग इसकी औपचारिक घोषणा करने से पहले सेंट्रल लीडरशिप से हरी झंडी मिलने का इंतजार कर रहे हैं। इस साल की शुरुआत में हुए विधानसभा चुनाव में मणिपुर में भाजपा और नेशनल पीपुल्स पार्टी के बाद जेडीयू तीसरे सबसे बड़े दल के रूप में उभरा था। राज्य में बीजेपी को 32 और एनपीपी को 7 सीटें मिली थीं।
मणिपुर में तीसरी बड़ी पार्टी बन चुकी है जेडीयू
मणिपुर में जेडीयू के खाते में पहली सीट 2000 के चुनावों में गई थी। लेकिन, 2022 तक आते-आते उसने अपनी टैली बढ़ाई और अबतक के सबसे ज्यादा 6 तक पहुंच गई। जबकि, कांग्रेस और पिछली सरकार में भाजपा की सहयोगी नागा पीपुल्स फ्रंट को सिर्फ 5-5 सीटें ही मिलीं। इनके अलावा कुकी पीपुल्स अलायंस को दो सीटें मिली थीं और तीन विधानसभा क्षेत्रों से निर्दलीय उम्मीदवारों को कामयाबी मिली थी।
बीजेपी सरकार को खतरा नहीं
इस समय बीजेपी की अगुवाई वाली सरकार को 60 सदस्यीय मणिपुर विधानसभा में 55 एमएलए का समर्थन हासिल है, जिसमें जेडीयू भी शामिल है। जदयू के समर्थन वापसी के बाद यह आंकड़ा घटकर 49 रह जाने के आसार हैं, हालांकि भाजपा सरकार की सेहत पर इससे कोई खतरा नहीं पड़ने वाला। वैसे समर्थन वापसी पर अंतिम फैसला लेने से पहले जदयू ने सोमवार को भाजपा को एक झटका पहले ही दे दिया है। भाजपा की प्रदेश कार्यकारिणी के सदस्य और प्रवक्ता निमाईचंद लुवांग अपने कई समर्थकों के साथ जदयू में शामिल हो गए हैं।