karnataka elections 2018: क्या था बीजेपी का ऑपरेशन कमल, जब BJP ने बहुमत ना होने के बाद बनाई थी सरकार
नई दिल्ली। कर्नाटक में सत्ता का संग्राम किसी रोमांचक मैच की तरह हो गया है। गेंद बीजेपी के पाले में जाएगी या कांग्रेस के अभी यह कहा नहीं जा सकता है। अब ऐसा माना जा रहा है कि बीजेपी अपने 2008 के 'ऑपरेशन कमल' को फिर से दोहरा सकती है। 2008 के चुनाव में 'ऑपरेशन कमल' के जरिए सत्ता हासिल की थी, उस चुनाव में बीजेपी ने 110 सीटें जीतकर सरकार बनाई थी। एचडी कुमारस्वामी ने मंगलवार शाम को राज्यपाल वजूभाई वाला से मुलाकात के बाद मीडिया से बातचीत में कहा, 'हमने सुना है कि वे (BJP) फिर 'ऑपरेशन कमल' दोहराने वाले हैं। उन्हें कोशिश करने दीजिए।
2008 में कांग्रेस के 3 और जेडीएस के 4 विधायकों ने दे दिया था इस्तीफा
बताते चलें कि भाजपा ने 2008 में भी बहुमत के लिए जरूरी 113 के आंकड़े से तीन सीटें कम हासिल की थीं। लेकिन उसने तब 'ऑपरेशन कमल' के जरिए खनन माफिया कहे जाने वाले रेड्डी बंधुओं की मदद से सरकार बना ली थी। भाजपा ने 2008 में दल-बदल कानून से बचने के लिए उस समय कांग्रेस के 3 और जेडीएस के चार विधायकों को इस्तीफा देने के लिए राजी कर लिया था। जेडीएस के सुप्रीमो और पूर्व प्रधानमंत्री एचडी देवगौड़ा ने इसे 'ऑपरेशन कमल' का नाम दिया। इस ऑपरेशन को अंजाम देने में बीएस येदियुरप्पा ने अहम भूमिका निभाई थी।
भाजपा ने 110 सीटों से आंकड़ा 115 तक पहुंचा दिया
इस सातों विधायकों को बीजेपी ने टिकट देकर चुनावी मैदान में उतारा। इनमें से पांच विधायक फिर जीतकर लौटे विधानसभा पहुंच गए। इस तरह भाजपा की सीटें 110 से बढ़कर 115 हो गईं थीं। इसके बल पर कर्नाटक में बीजेपी की पहली पूर्ण बहुमत की सरकार बनी। जिसने अपना कार्यकाल पूरा किया। जिन चारों जेडीएस के विधायकों ने इस्तीफा दिया था वे कुछ साल पहले कुमारस्वामी सरकार में मंत्री रह चुके थे। इस्तीफे के बाद दोबारा हुए चुनाव में वे चारों जीतकर विधानसभा पहुंचे। ये चारों विधायक उमेश कट्टी , शिवाना देवगौड़ा, बालाचंद्र जरकोहोली और आनंद असनोतिकर थे।
10 साल बाद फिर दोहराया जा सकता है इतिहास
10 साल बाद एक बार फिर से इतिहास दोहराया जा सकता है। रेड्डी बंधु अभी भी बीजेपी के साथ हैं। इस बार बीजेपी ने रेड्डी परिवार के आठ लोगों के टिकट दिए थे। सूत्रों के मुताबिक बीजेपी कांग्रेस के कुछ विधायकों के संपर्क में हैं। बीजेपी रणनीतिकार उन विधायकों के साथ संपर्क करने की कोशिश कर रहे हैं जो हाल ही बीजेपी छोड़ जेडीएस और कांग्रेस में शामिल हुए थे। कांग्रेस में ऐसे चार नेता है जो इस चुनाव से पहले भाजपा से आए हैं।
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