दिल्ली चुनाव को लेकर बीजेपी ने इन दलों के साथ किया गठबंधन, अकाली दल का नाम गायब
नई दिल्ली। दिल्ली विधानसभा चुनाव में इस बार बिहार में प्रभुत्व रखने वाले दलों का रंग भी देखने को मिलेगा। आईएनएलडी और अकाली दल के साथ मिलकर दिल्ली का विधानसभा चुनाव लड़ती रही बीजेपी इस बार बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की पार्टी जनता दल (यूनाइटेड) और लोजपा के साथ मिलकर मैदान में उतरी है। लेकिन इस बार पार्टी की पुरानी सहयोगी अकाली दल गठबंधन ने गायब दिख रही है। उधर कांग्रेस और लालू प्रसाद यादव की पार्टी राष्ट्रीय जनता दल (RJD) के साथ मिलकर चुनाव लड़ने का ऐलान किया है।
बीजेपी ने सहयोगी जेडीयू को 2 सीट और 1 सीट एलजेपी को दी है
दिल्ली भाजपा अध्यक्ष मनोज तिवारी ने केंद्रीय मंत्री और राज्य चुनाव प्रभारी प्रकाश जावड़ेकर के साथ सोमवार को आगामी विधानसभा चुनावों के लिए अपने सहयोगियों की घोषणा की। बीजेपी ने सहयोगी जेडीयू को 2 सीट और 1 सीट एलजेपी को दी है। बुराड़ी और संगम विहार सीट पर जेडीयू का उम्मीदवार होगा तो वहीं सीमापुरी विधानसभा सीट पर एलजेपी अपने उम्मीदवार को उतारेगी। हालांकि, भाजपा द्वारा घोषित सहयोगियों की सूची में शिरोमणि अकाली दल (एसएडी) का नाम नहीं आया है।
बची हुईं 10 सीटों को लेकर आज रात में फैसला
दिल्ली विधानसभा चुनाव में लंबे समय से सहयोगी रही शिरोमणि अकाली दल (एसएडी) को लेकर बीजेपी की ओर से कोई प्रतिक्रिया देखने को नहीं मिली है। पार्टी में उच्च पदस्थ सूत्रों का कहना है कि, भाजपा दिल्ली में अकालियों के साथ अपने गठबंधन को खत्म कर सकती है। हमने दिल्ली में अकाली के साथ गठबंधन नहीं करने का फैसला किया है। पंजाब में हमारा गठबंधन है। हालाँकि, हम दिल्ली विधानसभा चुनावों में नए सहयोगियों के साथ प्रयोग करेंगे। हम जद (यू) और लोजपा के साथ चुनाव लड़ रहे हैं। मनोज तिवारी ने कहा कि, बीजेपी ने 2 सीट जेडीयू और 1 सीट एलजेपी के लिए छोड़ी है। बची हुईं 10 सीटों को लेकर आज रात में फैसला हो जाएगा।
बातचीत जारी
वहीं सांसद राज्यसभा एसएडी और दिल्ली प्रभारी बलविंदर सिंह ने कहा कि पार्टी का संकेत है कि ऐसा हो सकता है, अभी भी बातचीत चल रही है। यह अभी खत्म नहीं हुआ है। हम अभी भी बातचीत कर रहे हैं। वार्ता जारी है। बताया जा रहा है कि, दिल्ली में आकालियों के साथ पड़ी दरार का प्रभाव पंजाब में अकाली और बीजेपी के गठबंधन पर देखने को मिल सकता है। हाल ही में, हरियाणा विधानसभा चुनावों के दौरान, भाजपा ने तत्कालीन सिटिंग विधायक बलकौर सिंह को भाजपा में शामिल किया था। अकाली दल ने इसकी निंदा करते हुआ बयान भी जारी किया था। एसएडी ने इस कदम को गठबंधन धर्म के खिलाफ बताया था।पार्टी के वरिष्ठ नेताओं का मानना है कि अकालियों के साथ गठबंधन नहीं करने का व्यापक प्रभाव हो सकता है।
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