'मोदी के हनुमान' चिराग पासवान की पार्टी LJP को बिहार में कितनी सीटें मिली, जानिए
बिहार चुनाव में चिराग पासवान की पार्टी एलजेपी का क्या हाल है?
नई दिल्ली। बिहार विधानसभा चुनाव में अभी तक मतगणना चल रही है और फाइनल नतीजे देर रात तक आने की उम्मीद है। मतगणना में हो रही देरी को लेकर आरजेडी ने सीएम नीतीश कुमार को जिम्मेदार ठहराते हुए धांधली का आरोप लगाया है। वहीं, चुनाव आयोग का कहना है कि कोरोना वायरस गाइडलाइन के तहत इस बार बिहार चुनाव में पोलिंग बूथों की संख्या बढ़ाई गई थी, इसलिए मतगणना में समय लग रहा है। अभी तक के चुनाव परिणामों के मुताबिक बिहार में एक बार फिर नीतीश कुमार के नेतृत्व में एनडीए की सरकार बनती हुई नजर आ रही है। ऐसे में आइए जानते हैं कि चिराग पासवान की पार्टी एलजेपी का क्या हाल है?
एक सीट पर जीती एलजेपी
बिहार में फिलहाल मतगणना जारी है और अभी तक के आंकड़ों के मुताबिक, राज्य की 243 विधानसभा सीटों में से 94 के फाइनल नतीजे आ चुके हैं। इनमें से 28 सीटों पर भाजपा, 25 सीटों पर आरजेडी, 17 सीटों पर जेडीयू, 7 सीटों पर कांग्रेस, 6 सीटों पर सीपीआई (M-L), 2 सीटों पर वीआईपी, 2 सीटों पर एआईएमआईएम और 1-1 सीट पर एलजेपी, सीपीआई, सीपीआई (एम), हम व निर्दलीय उम्मीदवार जीत दर्ज कर चुके हैं। बाकी सीटों के परिणाम आने अभी बाकी हैं। यानी अभी तक चिराग पासवान की पार्टी एलजेपी को केवल एक सीट पर जीत मिली है।
140 पर एलजेपी ने उतारे थे उम्मीदवार
आपको बता दें कि बिहार विधानसभा चुनाव में लोक जनशक्ति पार्टी ने 243 में से 140 सीटों पर अपने उम्मीदवार खडे़ किए थे। एलजेपी के ज्यादातर उम्मीदवार उन सीटों पर चुनाव लड़े, जहां जेडीयू के प्रत्याशी खड़े थे। चिराग पासवान ने अपनी चुनावी रैलियों में मंच से खुलकर इस बात को कहा कि बिहार में इस बार लोक जनशक्ति पार्टी और भाजपा ही मिलकर सरकार बनाएंगे, इसलिए प्रदेश की जनता जेडीयू को वोट ना दे। बिहार चुनाव से ठीक पहले ही चिराग पासवान ने नीतीश कुमार के नेतृत्व का विरोध करते हुए अकेले चुनाव लड़ने का फैसला ले लिया था।
आरजेडी को अभी जी जीत की उम्मीद
दूसरी तरफ आरजेडी ने अभी जीत की उम्मीद नहीं छोड़ी है। आरजेडी के नेता और राज्यसभा सांसद मनोज झा ने कहा कि उन्हें 200 फीसदी विश्वास है कि बिहार में इस बार महागठबंधन की सरकार बन रही है। मनोज झा ने कहा, 'बिहार को अपनी नई सरकार मिलने वाली है और कोई भी इसे अब रोक नहीं सकता। मैं मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, जिनकी विदाई अब तय है, से अनुरोध करता हूं कि वो रिटर्निंग अधिकारियों के जरिए मतगणना की रफ्तार धीमी कराना बंद करें। अब वे केवल अपनी हार में देरी कर सकते हैं, उसे टाल नहीं सकते।'
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