भीमा कोरेगांव: महाराष्ट्र पुलिस की प्रेस कॉन्फ्रेंस पर मुंबई हाईकोर्ट ने उठाए सवाल
मुंबई। भीमा कोरेगांव हिंसा को लेकर महाराष्ट्र पुलिस ने 31 अगस्त को प्रेस कॉन्फ्रेंस के जरिए दावा किया था कि पकड़े गए कार्यकर्ताओं का भीमा कोरेगांव में हिंसा फैलाने में हाथ था और उनके पास इसके पर्याप्त सबूत हैं। महाराष्ट्र पुलिस ने कहा था कि ऐसे सबूत मिले हैं कि ये लोग सरकार को अस्थिर करने की कोशिश में थे। वहीं, मुंबई हाईकोर्ट ने महाराष्ट्र पुलिस के प्रेस कॉन्फ्रेंस पर हैरानी जताई है।
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एलगर परिषद की भूमिका को लेकर एनआईए द्वारा जांच कराए जाने की मांग करने वाली सतीश गायकवाड की एक याचिका पर कोर्ट में सुनवाई हो रही थी। भीमा कोरेगांव हिंसा के मामले में दर्ज केस के आधार पर, ये कार्यकर्ता रैली के दौरान भड़काऊ भाषण दे रहे थे जिसके कारण वहां का माहौल खराब हुआ और हिंसा भड़क उठी थी।
याचिकाकर्ता ने कहा कि एक तरफ पुलिस ट्रायल की बात करती है और दूसरी तरफ वो प्रेस कॉन्फ्रेंस करती है। इसपर हैरानी जताते हुए कोर्ट ने कहा,' उन्होंने प्रेस कॉन्फ्रेंस किया?' बता दें कि इस मामले में अगली सुनवाई 7 सितंबर को होगी। जून में पुणे पुलिस ने भीमा कोरेगांव हिंसा के मामले में 5 लोगों को गिरफ्तार किया था। जबकि 28 अगस्त को महाराष्ट्र पुलिस ने इसी मामले में 5 वामपंथी कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार किया था। इसके एक दिन बाद ही सुप्रीम कोर्ट ने इनको नजरबंद करने का आदेश दे दिया था और पुलिस कस्टडी देने से मना कर दिया था।
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