कोर्ट ने कांग्रेस के ट्विटर को बंद करने का दिया आदेश, पार्टी बोली-हम कानूनी सलाह ले रहे
कांग्रेस (Congress) को बड़ा झटका लगा है, जहां बेंगलुरु की एक अदालत ने कांग्रेस और भारत जोड़ो यात्रा (Bharat Jodo Yatra) के ट्विटर हैंडल को ब्लॉक करने का आदेश दिया है। भारत जोड़ो यात्रा राहुल गांधी कर रहे हैं, जो कन्याकुमारी से कश्मीर तक की है। इस यात्रा में इस्तेमाल हुए वीडियोज में कॉपीराइट उल्लंघन का आरोप लगा है। इसी पर सुनवाई करते हुए अब कोर्ट ने ये आदेश जारी किया। कांग्रेस के वकील इस आदेश को ऊपरी अदालत में चुनौती देंगे।
दरअसल केजीएफ (KGF) के मेकर्स ने आरोप लगाया था कि कांग्रेस की भारत जोड़ो यात्रा के लिए बहुत से मार्केटिंग वीडियो तैयार किए गए हैं। जिसमें उनकी फिल्म के गानों का इस्तेमाल हुआ। ऐसे में ये सीधे तौर पर कॉपीराइट एक्ट का उल्लंघन है। याचिकाकर्ता ने कोर्ट में सीडी के जरिए ये सिद्ध किया कि कांग्रेस ने उनके गानों में सिर्फ हल्का बदलाव किया है। इस वजह से उसके ऊपर कार्रवाई की जानी चाहिए।
अदालत ने सुनवाई के दौरान पाया कि कांग्रेस के वीडियो एमआरटी म्यूजिक के स्वामित्व वाले वैधानिक कॉपीराइट का उल्लंघन करते हैं। ऐसे में उनको तुरंत सोशल मीडिया से हटाया जाए। इसके अलावा कोर्ट ने कांग्रेस और भारत जोड़ो यात्रा के ट्विटर अकाउंट को भी अस्थायी रूप से ब्लॉक करने का आदेश दिया।
कांग्रेस
ने
कही
ये
बात
पार्टी
ने
इस
मामले
में
कहा
कि
मीडिया
से
ये
पता
चला
है
कि
बेंगलुरु
कोर्ट
ने
कांग्रेस
और
भारत
जोड़ो
यात्रा
के
सोशल
मीडिया
हैंडल
को
ब्लॉक
करने
का
आदेश
दिया
है।
हमें
इस
कार्यवाही
के
बारे
में
सूचित
नहीं
किया
गया,
ना
हम
कोर्ट
में
उपस्थित
थे,
ना
ही
आदेश
की
कॉपी
मिली
है।
हम
कानूनी
सलाह
ले
रहे
हैं।
भारत
जोड़ो
यात्रा
जिंदाबाद।
एमआरटी
म्यूजिक
ने
कही
ये
बात
एमआरटी
म्यूजिक
के
मुताबिक
उन्होंने
केजीएस
के
गानों
के
राइट्स
लेने
के
लिए
काफी
पैसे
खर्च
किए
हैं।
अब
एक
राष्ट्रीय
स्तर
की
राजनीतिक
पार्टी
उनके
गानों
का
इस्तेमाल
बिना
इजाजत
अपने
प्रमोशन
वीडियो
में
कर
रही।
ये
कॉपीराइट
नियमों
के
घोर
अवहेलना
को
दर्शाता
है।
इस
वजह
से
उन्होंने
यशवंतपुर
पुलिस
स्टेशन
में
कांग्रेस
नेता
राहुल
गांधी,
जयराम
रमेश,
सुप्रिया
श्रीनेत
के
खिलाफ
प्राथमिकी
दर्ज
करवाई
थी।
ये
केस
आईपीसी
की
धारा
403,
465,
120बी
आर/डब्ल्यू,
धारा
34
और
सूचना
प्रौद्योगिकी
अधिनियम,
2000
की
धारा
66,
धारा
63
कॉपीराइट
अधिनियम,
1957
के
तहत
है।