क्विक अलर्ट के लिए
अभी सब्सक्राइव करें  
क्विक अलर्ट के लिए
नोटिफिकेशन ऑन करें  
For Daily Alerts
Oneindia App Download

BBC SPECIAL: 'अयोध्या में कई राम जन्म स्थान हैं, पहले वो अपना विवाद हल करें'

आज़म ख़ान कहते हैं कि ये अयोध्या के लोगों को तय करना होगा कि वहाँ असल राम मंदिर कौन सा है. बीबीसी हिंदी की ख़ास सिरीज़.

By ज़ुबैर अहमद - बीबीसी संवाददाता, रामपुर से लौटकर
Google Oneindia News

उत्तर प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी की सरकार बनने के बाद राम मंदिर के निर्माण की मांग दोबारा उठने लगी है.

लेकिन समाजवादी पार्टी के नेता आज़म खान राम मंदिर के निर्माण के समर्थकों से पूछते हैं कि किस राम मंदिर के निर्माण की बात की जा रही है, "अयोध्या में तो कई राम मंदिर हैं."

बीबीसी से एक ख़ास मुलाक़ात में वो कहते हैं, "अयोध्या में राम जन्म स्थान भी कई हैं और राम जन्म भूमि भी कई हैं."

वो आगे कहते हैं, "अब तो ये अयोध्या के लोग ही तय करेंगे कि असल राम मंदिर कौन सा है."

कुछ दिन पहले तेलंगाना के भारतीय जनता पार्टी के विधायक टी राजा सिंह ने कहा था कि अयोध्या में राम मंदिर को पूरा करने के लिए वो 'जान देने और लेने' दोनों के लिए तैयार हैं.'

क्या यूपी का मुसलमान निशाने पर है?

'मुस्लिमों को कारोबार से तोड़ने की साज़िश'

आज़म खान
BBC
आज़म खान

राम मंदिर

लेकिन रामपुर के विधायक कहते हैं कि 'अयोध्या में बहुत से राम मंदिर हैं.' आज़म खान की सलाह थी कि आपसी विवाद पहले तय करो.

वो कहते हैं, "उनमें (अयोध्या वालों में) में इस बात पर विवाद है और वो सब अपने आप को असल (राम जन्म स्थान) कहते हैं.

आज़म खान के अनुसार, "अयोध्या में राम मंदिर तो है ही. बाबरी मस्जिद की शहादत के बाद, नरसिम्हा राव की क़ियादत में, तीन दिन तक जो चबूतरा बना वहां मंदिर की तामीर (निर्माण) हुई. मंदिर आज भी मौजूद है. पूजा पाठ भी जारी है. तो मंदिर तो है ही."

वो आगे कहते हैं, "बाबरी मस्जिद की जगह पर जो मंदिर बना था वो भी मौजूद है वहां पर. अब ये नहीं कहना चाहिए कि राम मंदिर बनना है. ये कहना चाहिए कि राम मंदिर की पक्की इमारत बननी चाहिए."

'एक और मुसलमान की मौत, या एक भारतीय की...?'

'मुल्क की शांति के लिए गोमांस खाना छोड़ें मुसलमान'

यूपी की हार

यूपी में हाल में हुए विधानसभा चुनाव में बीजेपी की भारी जीत हुई और समाजवादी पार्टी की ज़बरदस्त शिकस्त. लेकिन आज़म खान पार्टी के 47 विजयी उम्मीदवारों में से एक थे. रामपुर में उनकी ये आठवीं जीत थी.

अपनी पार्टी की करारी हार का विश्लेषण करते हुए उन्होंने कहा कि इस हार का एक कारण नहीं था. इसके कई कारण थे जिनका फायदा बीजेपी, आरएसएस और मुस्लिम विरोधी ताक़तों ने भरपूर उठाया.

आज़म खान के अनुसार मुलायम सिंह यादव और बेटे अखिलेश यादव के बीच पारिवारिक झगड़ा हार के कारणों में से एक था.

वे कहते हैं, "जो वक़्त चुनाव लड़ने का था उस वक़्त खानदानी झगड़ा शुरू हो गया. जो वक़्त अपनी तैयारी का था उस वक़्त दुश्मनों की तैयारी कराई गई. जो वक़्त अपनों को क़रीब लाने का था उस वक़्त हम ने उन्हें दूर भगाना शुरू कर दिया."

मुसलमान बहुल सीटें जहां जीत गई बीजेपी

भाजपा की जीत का मतलब क्या निकालें मुसलमान?

अखिलेश-मुलायम

ग़लती पिता की थी या पुत्र की? आज़म खान बोले, "ये खता दोनों तरफ से हुई. मैंने बीच बचाव करने की बहुत कोशिश की."

आज़म के अनुसार जब उन्हें कामयाबी मिलती तो दिल्ली से एक आवाज़ आती थी कि नहीं ऐसा नहीं होना चाहिए, और मेरी सारी कोशिशों पर पानी फिर जाता था."

मुलायम सिंह के क़रीब समझे जाने वाले आज़म खान की चुनावी रैलियों में अखिलेश यादव भी आए थे. वो पार्टी के कुछ गिने चुने नेता हैं जो पिता और पुत्र दोनों से निकट हैं.

पार्टी की हार पर और बीजेपी की ज़बरदस्त जीत पर नज़र डालते हुए आज़म ख़ान कहते हैं कि बाप-बेटे के बीच सुलह कराने की नाकाम कोशिश में सात-आठ महीने लग गए.

आज़म खान बोले, "इस बीच में बीजेपी बहुत मायूस थी, उनके पास मुनासिब उमीदवार नहीं थे, एजेंडा नहीं था, प्रोग्राम नहीं था."

'बूचड़ख़ाने बंद हुए तो हिंदू-मुसलमान दोनों का जाएगा रोज़गार'

बीजेपी को कबूल करने के सवाल पर मुसलमान

मुस्लिम वोट

आज़म खान ने कहा, "उन्होंने तमाम दरवाज़े खोल दिए. किसको कैसे अपनाया जा सकता है, किसको मैनेज किया जा सकता है. उन्होंने सभी विकल्प खोल दिया और इस पर ज़बरदस्त काम किया. नतीजे सामने आ गए."

आज़म खान ने मुस्लिम समुदाय के कुछ लोगों को भी इसका ज़िम्मेदार ठहराया. वे कहते हैं, "बीजेपी वालों ने उन लोगों को इस्तेमाल किया जो मुसलमानों में ग़द्दार माने जाते हैं."

आज़म खान के अनुसार असदउद्दीन ओवैसी ने मुसलमानों के वोट बांटने का काम किया. उलेमा काउंसिल के ख़िलाफ़ उनका इल्ज़ाम था कि इसने बीजेपी को फ़ायदा पहुंचाने के लिए चुनाव लड़ा.

उन्होंने दिल्ली के जामा मस्जिद के शाही इमाम अहमद बुख़ारी को भी आड़े हाथों लेते हुए कहा कि उन्होंने भी मुस्लिम वोट को बांटने का काम किया.

नज़रिया: 'भारत ने अपना ईशनिंदा क़ानून खोज ही लिया'

भारत पाकिस्तान से सीखे या उस जैसा बन जाए

हिंदू राष्ट्र

बीजेपी की सरकार बनने और योगी आदित्यनाथ के मुख्यमंत्री बनने के बाद राज्य के कई मुसलमान घबराए हुए हैं. आज़म खान इसके बारे में क्या सोचते हैं?

उन्होंने कहा, "यक़ीनन डरना चाहिए. अल्पसंख्यक हैं, निहत्थे हैं, कमज़ोर हैं, अनपढ़ हैं, ग़रीब हैं और कम लोगों के पास रहने के लिए पक्के मकान हैं. ज़ाहिर है मुसलमान डरे हुए हैं."

हिन्दू राष्ट्र बनाने के ख़तरे पर आज़म खान कहते हैं, "क़ायदे से भारत एक हिन्दू देश है ही. जिनकी अक्सरियत उन्हीं का राष्ट्र". उनके अनुसार ये कोई नई बात नहीं है.

"मुसलमानों के मताधिकार को ख़त्म करने की बात बहुत ज़माने से चल रही है. मुसलमानों को दूसरे और तीसरे दर्जे का शहरी बनाने की बात बहुत ज़माने से चल रही है और ये आरएसएस का एजेंडा भी है. मुसलमान दूसरे और तीसरे दर्जे का शहरी तो दूर वो अपना नाम बताने से भी डरने लगा है."

BBC Hindi
Comments
देश-दुनिया की ताज़ा ख़बरों से अपडेट रहने के लिए Oneindia Hindi के फेसबुक पेज को लाइक करें
English summary
azam khan talks ram birth place in Ayodhya special.
तुरंत पाएं न्यूज अपडेट
Enable
x
Notification Settings X
Time Settings
Done
Clear Notification X
Do you want to clear all the notifications from your inbox?
Settings X
X