Ayodhya Verdict:उद्धव ठाकरे बोले- केंद्र सरकार SC के दिए फैसले का नहीं ले सकती है श्रेय
मुंबई: शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे ने अयोध्या केस पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बहाने केंद्र में शासित मोदी सरकार पर निशाना साधा। उन्होंने सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि बीजेपी की अगुवाई वाली केंद्र सरकार सुप्रीम कोर्ट के बहुप्रतीक्षित अयोध्या केस पर दिए फैसले का श्रेय नहीं ले सकती है। गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट ने शनिवार को फैसला सुनाते हुए कहा कि अयोध्या की विवादित जमीन पर रामलला का हक है। उसने केंद्र सरकार को तीन महीने के भीतर मंदिर ट्रस्ट बनाने का आदेश दिया। इसके साथ ही कोर्ट ने मुस्लिमों को मस्जिद के लिए अयोध्या में 5 एकड़ जमीन देने के भी आदेश दिए।
'मोदी सरकार ना ले श्रेय'
ठाकरे ने कहा कि हमने सरकार से अयोध्या में राम मंदिर के निर्माण के लिए कानून बनाने का अनुरोध किया था, लेकिन सरकार ने ऐसा नहीं किया। अब, जब सुप्रीम कोर्ट इस मामले में फैसला सुनाने जा रहा है, तब सरकार इसका श्रेय नहीं ले सकती है, यहां तक कि फैसला मंदिर के पक्ष में हो।
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24 नवंबर को जाऊंगा अयोध्या
उद्धव ठाकरे ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर कहा कि आज दिन भारत के इतिहास में सुनहरे अक्षरों में लिखा जाएगा। सभी ने फैसला स्वीकार कर लिया है। मैं 24 नवंबर को अयोध्या जाऊंगा। उन्होंने आगे कहा कि मैं दिल्ली में लाल कृष्ण आडवाणी से मिलकर उनका आभार जताने जाऊंगा। उन्होंने रथ यात्रा निकाली थी। मैं उनसे निश्चित तौर पर मिलूंगा और उनका आशीर्वाद लूंगा।
देवेंद्र फडणवीस ने दिया इस्तीफा
गौरतलब है कि महाराष्ट्र में नई सरकार के गठन को लेकर गतिरोध बना हुआ है। चुनाव पूर्व गठबंधन करने वाली बीजेपी-सहयोगी के बीच सत्ता के बंटवारे को लेकर कोई भी समझौता नहीं हो सका है। सीएम पद के ढाई-ढाई साल के बंटवारे पर बीजेपी राजी नहीं है। इसी गतिरोध के चलते राज्य की 13 विधानसभा के कार्यकाल से एक दिन पहले देवेंद्र फडणवीस इस्तीफा दे दिया था।
महाराष्ट्र में क्या हैं सियासी समीकरण
गौरतलब है कि महाराष्ट्र में पिछले महीने संपन्न विधानसभा चुनाव में किसी पार्टी को स्पष्ट बहुमत नहीं मिला।महाराष्ट्र की 288 विधानसभा सीट में से बीजेपी को सर्वाधिक 105, शिवसेना को 56, एनसीपी को 54 और कांग्रेस को 44 सीटों पर जीत हासिल हुई है। चुनाव पूर्व गठबंधन कर चुनाव लड़ी बीजेपी और शिवसेना को कुल मिलाकर 161 सीटें मिली हैं। महाराष्ट्र विधानसभा का मौजूदा कार्यकाल नौ नवंबर को खत्म हो रहा है।
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