अयोध्या विवाद: सुप्रीम कोर्ट में बोले वक्फ बोर्ड के वकील- बाबर ने मंदिर तोड़ा नहीं बल्कि बनवाया
नई दिल्ली। अयोध्या जमीन विवाद मामले में सुन्नी वक्फ बोर्ड के वकील राजीव धवन अपना पक्ष रख रहे हैं। धवन ने सुप्रीम कोर्ट की संविधान पीठ के सामने 28वें दिन की सुनवाई के दौरान बाबरनामा का हवाला देते हुए कहा कि दरअसल वहां मंदिर मुगल बादशाह बाबर ने बनवाया था। हिन्दू पक्षकार गजेटियर का हवाला दे रहे हैं लेकिन गजेटियर कई अलग अलग समय पर अलग नजरिये से जारी हुए थे। ऐसे में नहीं कहा जा सकता कि बाबर ने मंदिर तोड़कर मस्जिद बनाई।
सुनवाई के दौरान जस्टिस बोबड़े ने पूछा कि कई पुरानी मस्जिदों में संस्कृत में भी कुछ लिखा हुआ मिला है, ये क्यों है। इस पर राजीव धवन ने कहा कि क्योंकि बनाने वाले मजदूर कारीगर हिंदू होते थे तो वे अपने तरीके से इमारत बनाते थे। काम पूरा होने के बाद यादगार के तौर पर कुछ लेख भी अंकित करते थे।
मुस्लिम पक्ष के वकील राजीव धवन ने गुरुवार को अपनी दलीलों के जरिए यह साबित करने की कोशिश की कि विवादित स्थल पर मस्जिद थी। उन्होंने निर्मोही अखाड़े के महंत रघुवर दास की ओर से 1885 में दाखिल वाद का हवाला देते हुए कहा कि वह स्थल के बाहरी परिसर में राम चबूतरा मन्दिर का निर्माण कराने जा रहे थे।
अयोध्या राम मंदिर विवाद पर सुप्रीम कोर्ट द्वारा गठित संवैधानिक पीठ पिछले 5 अगस्त से लगातार सुनवाई कर रही है। इससे पहले सुप्रीम कोर्ट की चीफ जस्टिस रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली पांच जजों की बेंच ने बुधवार को सभी पक्षकारों से अपनी दलीलें पूरी करने के बारे में पूछा। सीजेआई ने कहा कि हम 18 अक्टूबर तक सुनवाई खत्म करना चाहते हैं ताकि जजों को फैसला लिखने में चार हफ्ते का वक्त मिले। इसके लिए सभी को मिलकर सहयोग करना चाहिए। जरूरत पड़ी तो कोर्ट सुनवाई का वक्त एक घंटा बढ़ा सकती है, हम शनिवार को भी सुनवाई के लिए तैयार हैं।
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