Karnataka: वित्त मंत्रालय को लेकर जेडीएस-कांग्रेस में तकरार जारी, प्रशासनिक कार्य ठप
नई दिल्ली। कर्नाटक में कांग्रेस और जेडीएस के गठबंधन की सरकार बनने के बाद दोनों दलों के बीच वित्त मंत्रालय को लेकर लगातार तकरार जारी है हालांकि दोनों दलों ने किसी भी तरह की तकरार से इनकार किया है, लेकिन सरकार गठन के बाद अभी तक विधायकों को मंत्रालय का बंटवारा नहीं किया गया है। किस दल के विधायक को कौन सा मंत्रालय मिलेगा इसको लेकर तनातनी अभी भी चल रही है, दोनों ही दल दमदार पोर्टफोलियो अपने पास रखना चाहते हैं, जिसकी वजह से यह तकरार अभी तक जारी है।
दोनों
ही
दलों
के
अपने
तर्क
सूत्रों
के
मुताबिक
दोनों
दलों
के
बीच
जबतक
वित्त
मंत्रालय
को
लेकर
फैसला
नहीं
होता
है
तबतक
दोनों
दलों
के
बीच
कोई
बात
नहीं
होगी।
मुख्यमंत्री
कुमारस्वामी
जहां
किसानों
का
लोन
माफ
किए
जाने
के
अपने
चुनावी
वायदे
को
पूरा
करने
के
लिए
वित्त
मंत्रालय
कोअपने
पास
रखना
चाहते
हैं
तो
वहीं
कांग्रेस
का
तर्क
है
कि
गठबंधन
की
सरकार
में
हमेशा
से
वित्त
मंत्रालय
उपमुख्यमंत्री
के
पास
ही
रहा
है।
दोनों
दलों
के
बीच
वित्त
मंत्रालय
को
लेकर
चल
रही
तकरार
की
वजह
से
प्रदेस
में
प्रशासनिक
काम
में
काफी
दिक्कत
हो
रही
है।
कई
विभागों
में
कार्य
की
प्रगति
रुक
गई
है।
प्रशासनिक
कार्य
बाधित
प्रदेश
में
चुनाव
को
लेकर
आचार
संहिता
के
लागू
होने
के
दो
महीने
बाद
भी
प्रशासनिक
काम
ढर्रे
पर
लौट
नहीं
सका
है।
जिस
तरह
से
मुख्यमंत्री
और
उपमुख्यमंत्री
मंत्रालयों
के
बंटवार
में
उलझे
हैं
उसकी
वजह
से
प्रदेश
के
अहम
प्रशासनिक
कार्यों
पर
वह
ध्यान
नहीं
दे
पा
रहे
हैं।
दोनों
दलों
के
बीच
रार
के
चलते
एक
भी
मंत्रालय
का
बंटवारा
अभी
तक
नहीं
हो
सका
है,
जिसके
चलते
सरकार
एक
तरह
से
पूरी
तरह
से
ठप
पड़ी
है
और
तमाम
विभागों
के
काम
रुके
पड़े
हैं।
कई
अहम
मंत्रालयों
में
बड़े
फैसले
भी
अभी
तक
नहीं
लिए
जा
सके
हैं।
दोनों
दलों
के
बीच
बैठकों
का
दौर
माना
जा
रहा
है
कि
अभी
यह
मुद्दा
अगले
दो
दिनों
तक
बना
रहेगा।
कांग्रेस
नेता
केसी
वेणुगोपाल
का
कहना
है
कि
कांग्रेस
अध्यक्ष
राहुल
गांधी
के
विदेश
में
होने
की
वजह
से
यह
मुद्दा
नहीं
रुका
हुआ
है,
उन्होंने
परमेश्वर
को
इसका
अधिकार
दिया
है
कि
वह
इस
मुद्दे
पर
बात
करके
अपना
फैसला
लें।
जानकारी
के
अनुसार
वरिष्ठ
नेता
गुलाम
नबी
आजाद
दिल्ली
में
इस
मुद्दे
पर
लगातार
जेडीएस
संग
बैठक
कर
रहे
हैं।
सूत्रों
के
अनुसार
आजाद
जेडीएस
को
मनाने
की
कोशिश
कर
रहे
हैं,
लेकिन
इस
दौरान
कुमारस्वामी
ने
पद
से
हटने
तक
की
पेशकश
कर
दी
थी।
लेकिन
उन्हें
मनाने
के
लिए
आजाद
ने
कहा
कि
हम
वित्त
मंत्रालय
छोड़ने
के
लिए
तैयार
हैं।
लेकिन
यह
मामला
इसलिए
सुलझ
नहीं
सका
क्योंकि
कर्नाटक
के
कांग्रेस
नेता
पार्टी
के
इस
फैसले
से
खुश
नहीं
हैं।
जिसकी
वजह
से
इस
मसले
का
अभी
तक
समाधान
नहीं
निकल
सका
है।
ऐसे
में
माना
जा
रहा
है
कि
4
जून
को
इस
मुद्दे
का
समाधान
हो
सकता
है।
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