J&K: पाकिस्तान से कश्मीरी आतंकियों को संदेश...........तो सिर्फ चूड़ियां ही भेजेंगे
नई दिल्ली- जम्मू-कश्मीर से धारा-370 हटाए जाने के एक महीने से ज्यादा गुजर चुके हैं, लेकिन पाकिस्तान समर्थित आतंकवादी घाटी में कोई बड़ी वारदात को अंजाम देने में नाकाम रहे हैं। इसके चलते पाकिस्तान में बैठे आतंकवादियों के आका बेहद बौखलाहट में हैं। भारतीय सुरक्षा एजेंसियों ने पाकिस्तान में बैठे आतंकी संगठनों के सरगनाओं और उनके कश्मीरी गुर्गों के बीच की जो बातचीत इंटरसेप्ट किए हैं, उसमें उनकी लाचारी और तल्खी साफ महसूस हो रही है। आलम ये है कि पाकिस्तानी हैंडलर्स ने अपने पालतू आतंकियों को अब दुत्कारना शुरू कर दिया है और उन्हें कोई बड़ी वारदात को अंजाम देने के लिए तरह-तरह से भड़काने और उकसाने की कोशिश कर रहे हैं।
फल व्यापारी के घर पर हमला बौखलाहट का नतीजा
पाकिस्तान के आदेश पर ही शनिवार को उत्तर कश्मीर के बारामुला जिले में सोपोर के एक फल व्यापारी के घर पर दो आतंकवादियों ने हमला किया। सोपोर के दांगीपुरा इलाको में इन आतंकियों ने एक फल व्यापारी के घर में घुसकर अंधाधुंध फारिंग की जिसमें 30 महीने की एक बच्ची समेत चार लोग जख्मी हुए हैं। जानकारी के मुताबिक इस आतंकी घटना में जख्मी हुई ढाई साल की आस्मा जान को राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोवाल के निर्देश पर विशेष इलाज के लिए दिल्ली के एम्स में भर्ती करवाया गया है। इस घटना में इस बच्ची के अलावा मोहम्मद अशरफ डार, मोहम्मद रमजान और अर्शिद हुसैन भी जख्मी हुए हैं, जिनका इलाज श्रीनगर के अस्पताल में चल रहा है।
फरमान नहीं मानने से गुस्से में थे आतंकी
एनएसए अजित डोवाल ने इलेक्ट्रोनिक इंटरसेप्ट के आधार पर बताया है कि सोपोर फ्रूट ट्रेडर्स एसोसिएशन के पदाधिकारी हमुदुल्लाह राथर से आतंकवादी इसलिए गुस्से में थे कि कारोबार बंद करने के उसके फरमानों की उन्होंने तामील नहीं की। डोवाल ने कहा कि, 'सुरक्षा बलों ने वह बातचीत इंटरसेप्ट की है, जिसमें पाकिस्तान में बैठा हैंडलर आतंकियों को जम्मू-कश्मीर से सेबों को देश के दूसरे हिस्सों में भेजे जाने से रोकने में नाकाम रहने पर चेतावनी दे रहा है।' बता दें कि जम्मू-कश्मीर प्रशासन फ्रूट एसोसिएशन को सामान्य कारोबारी गतिविधि फिर से शुरू करने के लिए हौसला दे रहा है। इसी के कारण घटना के सिर्फ एक दिन पहले ही सेब से लदे 750 से भी ज्यादा ट्रक मंडी से बाहर के लिए रवाना हुए थे।
एके-47 नहीं, चूड़ियां भेजनी चाहिए.....
पाकिस्तान में बैठे आतंकी सरगना कश्मीर में आतंकी गतिविधियों को बढ़ा पाने में नाकाम रहने पर अपने गुर्गों से किस कदर गुस्से में हैं, इसकी एक नहीं कई बानगी देखने को मिल रही है। इनसे यह भी साबित हो रहा है कि धारा-370 हटाने के बावजूद एक महीने के बाद भी जिस तरह से कश्मीर में सुरक्षा बलों को एक भी गोली नहीं चलानी पड़ी है, उससे वे बिलबिला उठे हैं और आतंकियों को कोसने का कोई मौका नहीं छोड़ रहे। एनएसए डोवाल ने आतंकियों के आकाओं और आतंकियों के बीच हुए एक ऐसी ही बातचीत के बारे में दिलचस्प घटना बताई है। डोवाल के मुताबिक एक हैंडलर ने आतंकियों से कहा कि, "अगर तुम लोग सेबों की आवाजाही नहीं रोक पाए तो हमें तुम लोगों को बंदूकों की जगह चूड़ियां भेजनी चाहिए।"जिस फल कारोबारी के घर में आतंकवादियों ने सोपोर में हमला किया है, डोवाल के मुताबिक वे आपस में 'पंजाबी उर्दू' में बातचीत कर रहे थे। इससे ये भी साबित होता है कि वे लोकल नहीं, पाकिस्तान से आए आतंकी थे।
हालात सामान्य नहीं होने देना चाहते आतंकी संगठन
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक जम्मू-कश्मीर पुलिस के सूत्रों ने बताया है कि कारोबारियों तक अपनी फरमान पहुंचाने के लिए आतंकी संगठन पोस्टर्स का सहारा ले रहे हैं और उन्हें जब भी मौका मिलता है, उसे बाजारों या गली-मोहल्लों में चस्पा कर देते हैं। कश्मीर में व्यापारियों को दुकानें बंद रखने और कारोबार से दूर रहने की चेतावनी देने वाले आतंकी संगठनों में पाकिस्तान से संचालित होने वाले लश्कर-ए-तैयबा, जैश-ए-मोहम्मद और हिजबुल मुजाहिदीन जैसे आतंकी संगठन शामिल हैं और इन्हीं के इशारे पर घाटी में आतंकी गतिविधियों को अंजाम देने की साजिश रची जा रही हैं।
पाकिस्तान के इशारे पर हुईं ये घटनाएं
सोपोर की घटना 5 अगस्त के बाद से व्यापारियों को निशाना बनाने की तीसरी वारदात है। पहली घटना 29 अगस्त को हुई थी, जब बाइक पर सवार 3 आतंकवादियों ने 65 साल के ग्रॉसरी शॉप मालिक गुलाम मोहम्मद की हत्या कर दी थी। उनपर आतंकी हमला इसलिए किया गया था कि श्रीनगर के परिमपोरा इलाके में उन्होंने आतंकियों की ओर से तय समय-सीमा खत्म होने के बाद भी अपनी दुकान बंद नहीं की थी। सूत्रों के मुताबिक गुलाम और उनकी पत्नी ने आतंकियों से उन्हें छोड़ने की गुहार भी लगाई, लेकिन वे उनकी हत्या करके ही लौटे। इसके कुछ दिनों बाद ही श्रीनगर के ही एक नामी डिपार्टमेंटल स्टोर के मालिक को आतंकवादियों ने धमकी थी कि अगर उन्होंने फिर से दुकान खोलने की हिम्मत की तो उनके बेटे को मार देंगे। गौरतलब है कि दुकान मालिक के बेटे ने आतंकियों को आता देख पीछे के रास्ते से भागकर अपनी जान बचाई थी।