तेंदुए की गर्दन में चार साल से फंसा था तीर, डॉक्टरों ने बिना बेहोश किए ऐसे निकाला बाहर
नई दिल्ली। भोपाल के वन विहार नेशलन पार्क में 8 साल के तेंदुए के गर्दन में चार साल लगे रहे लोहे के तीर को मंगलवार को निकाला गया। इस दौरान ऐसा पहली बार हुआ जब बिना ट्रेंकुलाइज किए तेंदुए के गले में लगे होले के हिस्से को बाहर निकाला गया। गले में लगे इस लोहे की तीर की लंबाई करीब 6 इंच बताई जा रही है। जानकारी के मुताबिक तेंदुए की हालत ठीक है और वो पूरी तरह से स्वस्थ्य भी है।
वन विहार के अधिकारियों ने आशंका जताई है कि यह तीर तेंदुए के शिकार के लिए आदिवासियों ने चार साल पहले मारा होगा। लेकिन जख्म भर जाने की वजह से इसे पकड़ा नहीं जा सका। वन विहार नेशनल पार्क के डायरेक्टर समीता राजौरा ने बताया कि झाबुआ के जोबट गांव से 4 साल के तेंदुए को घायल अवस्था में रेस्क्यू किया गया था। इसके बाद तेंदुए को ईदौर जू में शिफ्ट कर दिया गया था। जू में 6 महीने तक रखने के बाद तेंदुए को भोपाल के वन विहार नेशनल पार्क लाया गया। लेकिन इस दौरान उसके गर्दन पर हुआ जख्म भर चुका था।
पिछले कुछ दिनों से उसके गर्दन में सूजन दिख रही थी। इसके बाद वन विहार के डॉक्टर ने अतुल गुप्ता ने उसका इलाज शुरू किया। अब दो दिन पहले ही उसके गर्दन में बनी गांठ फूट गई। इसके बाद कर्मचारियों को उसके गर्दन में लोहे का नुकीला हिस्सा फंसा हुआ दिखाई दिया। इसके बाद वन विहार के कर्मचारिओं इसकी जानकारी अपने डायरेक्टर को दी और उन्होंने इलाज के लिए डॉ गुप्ता को जांच करने के निद्रेश दिए। जांच के बाद तेंदुए के गर्दन में फंसे लोहे के हिस्से को निकाला गया तो पता चला वो लोहे के तीर का हिस्सा था जो उसके गर्दन में फंसा हुआ था।
यह भी पढ़ें- महिला ने बाइक सवार से लिफ्ट ली तो वह अपहरण कर भागने लगा, चिल्लाई तो नीचे गिराकर भागा, मौत