दिल्ली में प्रदूषण को कम करने के लिए इन चीजों पर लगी पाबंदी, प्रदूषण बोर्ड ने लिया बड़ा फैसला
नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने जिस तरह से दिवाली से पहले पटाखों की बिक्री पर पाबंदी लगाई उसके बाद प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने दिल्ली में कई कदम पाबंदियां लगाई हैं, जिससे कि देश की राजधानी में प्रदूषण को कम किया जाए। प्रदूषण बोर्ड ने डीजल जेनरेटर के इस्तेमाल और बदरपुर थर्मल पॉवर प्लांट को अस्थाई तौर पर बंद करने का निर्देश दिया है। ये तमाम कदम दिल्ली में इस बार सर्दियों में प्रदूषण को रोकने के लिए किय गया है। सुप्रीम कोर्ट बोर्ड को दिल्ली में प्रदूषण कम करने के लिए तमाम कदम उठाने का निर्देश दिया था, जिसके बाद आने वाले समय में पार्किंग की फीस को चारगुना बढ़ाने के साथ प्रदूषण फैलाने वाले उद्योग को भी बंद किया जा सकता है। ये तमाम फैसले दिल्ली में हवा में फैले जहर की वजह से लिए गए है।
स्कूल और तमाम गाड़ियों को भी बंद किया जा सकता है
प्रदूषण बोर्ड की सदस्य और सेंटर फॉर साइंस एंड इनवॉयरमेंट की डायरेक्टर सुनीता नारायण ने कहा कि उम्मीद है कि इस बार शहर में उतना अधिक प्रदूषण नहीं होगा, अन्यथा हमारे पास कोई और विकल्प नहीं होगा, बजाए इसके कि स्कूल, गाड़ी आदि सबकुछ को बंद कर दिया जाए, जिसकी वजह से पूरे शहर को मुश्किल का सामना करना पड़ेगा। यह तमाम कदम ग्रेडेड रिस्पॉस एक्शन प्लान के तहत लिए जा रहे हैं जिसका निर्माण प्रदूषण को कम करने के लिए किया गया है। दिल्ली में हवा का प्रदूषण पहले ही 308 एक्यूआई पहुंच गया है, जोकि काफी खराब श्रेणी में आता है, तमाम पर्यावरण विशेषज्ञों ने चेताया है कि दिवाली के मौके पर यह 401-500 तक पहुंच सकता है और यह भयावह हो सकता है।
कई यूनिट को बंद किया जाएगा
दिल्ली में जो ईंट के भट्टे चलते हैं और वह जिग-जैग तकनीक का इस्तेमाल नहीं करते हैं उन्हें भी बंद अस्थाई रूप से बंद कर दिया जाएगा। जिग जैग तकनीक से 75 फीसदी प्रदूषण की कमी होती है। आने वाले समय में प्रदूषण विभाग बड़े फैसले ले सकता है, जिसमे पार्किंग की फीस को तीन से चार गुना बढ़ाया जा सकता है, सड़क निर्माण में हॉट-मिक्स प्लांट का इस्तेमाल बंद करना, पत्थर काटने की यूनिट को बंद करना आदि शामिल हैं, जिससे की हवा को दूषित होने से बचाया जा सके। सुनीता नारायण ने बताया कि मौजूदा समय में पार्किंग की फीस चार घंटे के लिए 20 रूपए है।
इन जगहों पर प्रदूषण सबसे अधिक
वहीं प्रदूषण विभाग ने यह साफ कर दिया है कि ऑड इवेन फॉर्मूले को आपात काल में ही लागू किया जाएगा, जिसके तहत एक दिन ऑड नंबर और एक दिन इवेन नंबर की गाड़ियों को सड़क पर निकलने की इजाजत होती है, ऑड-ईवेन का निर्धारण कार के रजिस्ट्रेशन नंबर की आखिरी अंक से होता है। जिसे पूर्व में आम आदमी पार्टी की सरकार लागू कर चुकी है। सेंट्रल पॉल्युशन कंट्रोल बोर्ड के सदस्य सुधाकर का कहना है कि हवा में नमी काफी बढ़ गई है, हमे उम्मीद है कि दिवाली में धुंध रहेगा, दीवाली पर पटाखों की वजह से धुवे की वजह से भी धुंध छा सकता है, जोकि 24 घंटे तक बना रहने की उम्मीद है। आपको बता दें कि पिछले वर्ष दिवाली के मौके पर दिल्ली में 17 साल के इतिहास में सबसे अधिक प्रदूषण देखने को मिला था। सीपीसीबी के आंकड़ों के अनुसार तीन जगहों पर प्रदूषण सबसे अधिक है, जिसमें आनंद विहार, यूपी का गाजियाबाद और राजस्थान का भिवाड़ी है। इन जगहों पर वायु प्रदूषण काफी खराब स्थिति में पहुंच चुका है।