Video: पहली बार अंडमान निकोबार में हुई तीनों सेनाओं के कमांडोज की मिलिट्री ड्रिल
नई दिल्ली। पहली बार अंडमान एंड निकोबार कमान (एएनसी) की तरफ से टेरेसा द्वीप पर पहली बार तीनों सेनाओं की एक ज्वॉइन्ट एक्सरसाइज आयोजित की गई थी। बुल स्ट्राइक नाम की यह एक्सरसाइज तीन दिनों तक चली थी और 3 नवंबर से शुरू होकर यह 5 नवंबर को खत्म हो गई। इसमें एएनसी के तीनों सर्विसेज, इंडियन आर्मी की पैराशूट ब्रिगेड, नौसेना के मार्कोस कमांडोज (मरीन कमांडो फोर्स) और स्पेशल फोर्सेज के कमांडोज शामिल हुए थे।
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भारत के लिए बहुत अहम है अंडमान
अधिकारियों ने कहा कि युद्धक क्षमता बढ़ाने के लिए तीनों सेनाओं, सेना, नौसेना और वायुसेना के बीच अंतर और तालमेल बढ़ाने पर जोर दिया गया। इस एक्सरसाइज में फ्री फॉल और पैरा ड्रॉप सबसे बड़ी गतिविधियां थीं जिन्हें सफलतापूर्वक अंजाम दिया गया। सी-130 एयरक्राफ्ट से पैरा कमांडोज को ड्रॉप किया गया था। इसके बाद मार्कोस और स्पेशल हेलीबॉर्न ऑपरेशंस के तहत इंडियन आर्मी के घातक प्लाटून के कमांडोज ने इसे पूरा किया। इस एक्सरसाइज के लिए सेना, नौसेना और एयरफोर्स के जवानों को खासतौर पर लैंडिंग के लिए भेजा गया था। जिस टेरेसा द्वीप पर यह एक्सरसाइज हुई है वह भारत के लिए रणनीतिक रूप से काफी अहम द्वीप है। एएनसी के कमांडर-इन-चीफ लेफ्टिनेंट जनरल मनोज पांडे ने अंतिम दिन अभ्यास को देखा और सैनिकों को संबोधित किया। उन्होंने प्रशिक्षण के उच्च मानकों को हासिल करने के लिए उनकी प्रशंसा की। सन् 1956 में अंडमान निकोबार भारत का संघ शासित प्रदेश बना था। इसके बाद साल 1964 में वहां पहली मिलिट्री यूनिट को तैयार किया गया जो कि नौसेना का बेस आईएनएस जराव था। यह नेवी बेस सन् 1971 में भारत-पाकिस्तान के बीच हुई जंग के दौरान ईस्टर्न नेवल कमांड के तहत आ गया। अक्टूबर 2001 में देश की पहली थियेटर कमांड को अंडमान में तैयार किया गया था।