क्या Amritpal Singh Deep Sidhu से जुड़ा किरदार? मौत से पहले सिद्धू ने 'अमृतपाल को ब्लॉक' किया, जानिए 10 बातें
Amritpal Singh खालिस्तान से जुड़ी खबरों में सुर्खियां बटोर रहा है। अब दिवंगत एक्टर Deep Sidhu से भी अमृतपाल का नाम जुड़ा है। रिपोर्ट के अनुसार दीप सिद्धू ने अपनी मौत से पहले अमृतपाल का मोबाइल नंबर ब्लॉक कर दिया था।
Amritpal Singh Deep Sidhu की मौत के कई महीनों बाद पंजाब से जुड़े ऐसे किरदार के रूप में उभरा है, जिसकी सोशल मीडिया पर भरपूर चर्चा होती है। हालांकि, पंजाब की सियासी की नब्ज पर पैनी नजर रखने वालों ने दिवंगत एक्टर दीप सिद्धू और अमृतपाल सिंह के बीच कमाल की लिंक पर रोशनी डाली है। एक रिपोर्ट के अनुसार दीप सिद्धू ने अपनी मौत से कुछ दिन पहले अमृतपाल का फोन नंबर अपने मोबाइल पर ब्लॉक कर दिया था।
दीप सिद्धू की लोकप्रियता भुनाने की कोशिश!
दरअसल, अमृतपाल के अलावा 'वारिस पंजाब दे' कीवर्ड भी ट्रेंडिंग सर्च में शामिल है। इसके बारे में आई एक रिपोर्ट के अनुसार, अभिनेता दीप सिद्धू के भाई ने इसकी स्थापना की थी। इस रिपोर्ट में कहा गया है कि दीप सिद्धू के परिवार ने भगोड़े खालिस्तान समर्थक नेता अमृतपाल सिंह को 'वारिस पंजाब दे' का उत्तराधिकारी स्वीकार करने से इनकार कर दिया था। बता दें कि फरवरी 2022 में दीप सिद्धू की एक सड़क दुर्घटना में मौत हो गई थी। मौत से पहले उन्होंने अमृतपाल का फोन नंबर ब्लॉक कर दिया था।
उत्तराधिकारी पद नहीं, अमृतपाल ने नया संगठन बना डाला
समाचार एजेंसी पीटीआई की रिपोर्ट के अनुसार, अमृतपाल सिंह ने कथित तौर पर दिवंगत अभिनेता की लोकप्रियता पर सवार होने के लिए 'वारिस पंजाब दे' के समान 'वारिस पंज-आब दे' (Warris Panj-Aab De) बनाने का विकल्प चुना। इसका कारण ये बना की कट्टरपंथी अमृतपाल मौजूदा संगठन पर नियंत्रण पाने में विफल रहे। उनके खिलाफ कार्रवाई के दौरान जब्त दस्तावेजों से भी इसकी जानकारी मिलती है। अमृतपाल सिंह, वारिस पंजाब दे और दीप सिद्धू से जुड़ी 10 प्रमुख बातें जानिए-
लंदन से लौटने के बाद सिद्धू पर दावा करने पहुंचा अमृतपाल
दीप सिद्धू के भाई मनदीप ने 4 जुलाई, 2022 को फतेहगढ़ साहिब में एक संस्था बनाई। इसकी स्थापना दिवंगत अभिनेता दीप की इच्छा के अनुरूप हुई। दस्तावेज़ों के अनुसार ये संस्था 'सर्व शिक्षा अभियान' को बढ़ावा देने, प्रदूषण से संबंधित मुद्दों के बारे में जागरूकता फैलाने, नशा करने वाले युवाओं को खेलों की ओर आकर्षित करने का प्रयास करती है। साथ ही लोगों को प्राकृतिक आपदाओं के दौरान लोगों की सहायता करना भी सिखाया जाता है।
- इसकी स्थापना कड़े नियमों के साथ की गई थी, जिसमें पदाधिकारियों की भूमिका और चुनाव शामिल थे। मनदीप ने कहा कि यह संगठन उनके दिवंगत भाई के पंजाब के लोगों की सेवा करने के सपने को पूरा करने के लिए बनाया गया था।
- अमृतपाल जब अगस्त 2022 में विदेश से लौटे और 'वारिस पंजाब दे' के कागजात मांगे तो मनदीप ने उन्हें सौंपने से इनकार कर दिया।
- फिर अचानक 'वारिस पंज-आब दे' (Warris Panj-Aab De) नामक एक नया संगठन सामने आया। इसके साथ सिद्धू का आधिकारिक फेसबुक पेज जुड़ा हुआ था। समाचार एजेंसी पीटीआई के अनुसार ये फेसबुक पेज मोगा जिले में पंजीकृत था, जिसकी स्थापना तिथि 15 दिसंबर, 2021 बताई गई थी।
- फेसबुक पेज के फॉलोअर्स की संख्या बहुत अधिक हो गई, जिससे यूजर्स के बीच भ्रम की स्थिति पैदा हो गई। बड़ी संख्या में नेटिजन्स ने मान लिया कि सिद्धू के संगठन को अमृतपाल ने अपने कब्जे में ले लिया है।
- अमृतपाल के खिलाफ चल रही कार्रवाई के दौरान सामने आए कुछ दस्तावेजों से पता चलता है कि 'वारिस पंज-आब दे' की स्थापना संभावित रूप से पिछले दिनों की गई। मोगा जिले के दुनेके गांव में अमृतपाल के करीबी सहयोगी गुरमीत सिंह बुक्कनवाला के स्वामित्व वाले संगठन का पंजीकृत पता "गुरु नानक फर्नीचर स्टोर" था।
अमृतपाल का संगठन बहुत बाद में स्थापित
बुक्कनवाला को हिरासत में ले लिया गया है और राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम (NSA) के तहत आरोप लगाया गया है। असम में डिब्रूगढ़ सेंट्रल जेल में रखे गए बुक्कनवाला ने पूछताछ के दौरान दावा किया कि संगठन बहुत बाद में स्थापित किया गया था। गुरमीत ने मोगा जिले से इसे पंजीकृत करने के लिए कुछ संपर्कों का इस्तेमाल किया गया था। हालांकि, वह इस मामले में और जानकारी नहीं दे सके।
18 मार्च से फरार है अमृतपाल
बता दें कि अमृतपाल 18 मार्च से फरार है जब पंजाब पुलिस कार्रवाई शुरू कर चुके हैं। पुलिस के अनुसार Amritpal ने पुलिस को चकमा दे दिया और पंजाब के जालंधर जिले में उसके काफिले को रोके जाने के बावजूद अमृतपाल पुलिस के जाल से बच निकलने में सफल रहा।
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300 से अधिक गिरफ्तारियां
9. पंजाब पुलिस ने रविवार को कहा कि उसने शांति भंग करने और कानून व्यवस्था की गड़बड़ी की आशंका पर निवारक हिरासत में लिए गए कुल 353 लोगों में से 197 लोगों को रिहा कर दिया है। पुलिस ने कहा कि उसने सख्त राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (NSA)के तहत सात लोगों को हिरासत में लिया है।