अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद ने जारी की फर्जी बाबाओं की दूसरी लिस्ट, अय्याश वीरेंद्र दीक्षित सहित तीन का नाम शामिल
इलाहाबाद। अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद ने फर्जी बाबाओं को चिन्हित करते हुए शुक्रवार को दूसरी लिस्ट जारी की है। इस लिस्ट में हाल ही में यौन उत्पीड़न के आरोपों में घिरे दिल्ली के वीरेंद्र देव दीक्षित का नाम भी शामिल है। इसके अलावा इस लिस्ट में यूपी के बस्ती के सचिदानंद सरस्वती और इलाहाबाद की त्रिकाल भवंता के भी नाम हैं। अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरि की अध्यक्षता में हुई इस बैठक में सभी 13 अखाड़ों के प्रमुख शामिल हुए। बैठक के बाद मीडिया से मुखातिब होते हुए महंत नरेंद्र गिरि ने कहा, 'हम जनता से अपील करते हैं कि लोग ऐसे बाबाओं से सतर्क रहे जो किसी परंपरा या संप्रदाय से नहीं हैं। साधु, संत, सन्यासी परंपरा, उदासीन परंपरा, नाथ परंपरा, वैष्णव संप्रदाय, शिव संप्रदाय आदि से आते हैं। वहीं फर्जी बाबाओं की कोई परंपरा या संप्रदाय नहीं है।'
अखाड़ा परिषद की बैठक में फैसला लिया गया है कि फर्जी साधू-संतों को समाज के किसी भी धार्मिक आयोजन में आने की अनुमति नहीं दी जाएगी। उन्होंने कहा कि माघ मेला या महा कुम्भ में भी इनके जाने पर रोक है। उल्लेखनीय है कि वीरेंद्र देव दीक्षित पर महिलाओं को बंधक बनाकर रेप करने के आरोप हैं। जिसके बाद दिल्ली पुलिस ने रोहिणी सहित कई राज्यों में बने बाबा के आश्रमों पर छापेमारी की। 1998 में वीरेंद्र देव पर बिजली चोरी का मुकदमा भी हो चुका है। वहीं बस्ती के सचिदानंद सरस्वती पर आरोप है कि लड़कियों को बहाने से बंधक बनाकर रेप करता था। बाबा सच्चिदानंद के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया गया है।
इसके अलावा त्रिकाल भवंता उत्तर प्रदेश में मिर्जापुर जिले की मूल निवासी हैं और उन्होंने ग्रेजुएशन तक की पढ़ाई की है। वे पिछले कुछ सालों से सन्यासी जीवन में हैं। इससे पहले वे एक नर्स की भूमिका में इलाहाबाद के प्राइवेट हॉस्पिटल में काम किया करती थीं। गौरतलब है कि इससे पहले इसी साल 10 सितंबर को अखाड़ा परिषद ने फर्जी बाबाओं की पहली सूची जारी की थी। इनमें 14 बाबाओं के नाम शामिल थे। वो नाम इस प्रकार हैं-
- आसाराम बापू
- गुरमीत राम रहीम
- सुखविंदर कौर उर्फ राधे मां
- सच्चिदानंद गिरि
- ओमबाबा उर्फ विवेकानंद झा
- निर्मल बाबा
- इच्छाधारी भीमानंद उर्फ शिवमूर्ति द्विवेदी
- स्वामी असीमानंद
- ओम नम: शिवाय बाबा
- नारायण साई
- रामपाल
- कुश मुनि
- मलखान गिरि
- बृहस्पति गिरि