तो आग से खेलना पसंद है अकालियों को
नई दिल्ली (विवेक शुक्ला)। पहले हरिय़ाणा में हालिया विधानसभा चुनाव के दौरान भाजपा की जगह इनेलो का साथ देने वाले अकाली दल को लगता है कि आग से खेलने का शौक पैदा हो गया है। अब उप मुख्यमंत्री सुखबीर बादल ने एक बेहद अजीबोगरीब बयान दे डाला है। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार ने 1984 के सिख विरोधी दंगों में मारे गए लोगों को परिजनों को मुआवजा देने का ऐलान किया है उससे सिख कंफ्यूज हो गए हैं। उन्हें समझ नहीं आ रहा है कि मुआवाजा कब मिलेगा।
बताते चलें कि मोदी सरकार ने सिख दंगों में मारे गए 3325 लोगों में से प्रत्येक के नजदीकी परिजन को पांच-पांच लाख रुपये देने की घोषणा की थी। एक लिहाज से कहा जा सकता है कि सिख दंग पीड़ितों को करीब 30 साल बाद मुआवजा मिलेगा।
तल्खियां बढ़ेंगी
जानकारों का कहना है कि इसके बावजूद सुखबीर बादल का मोदी सरकार की इशारों-इशारों में निंदा करने से अकाली दल-भाजपा के बीच लगातार बढ़ती जा रही दूरियां और गहरी होंगी। जानकार यह भी कह रहे हैं कि मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल भी संवेदनशील मुद्दों को अकारण उठा रहे हैं। वे बिना बात के चंडीगढ़ पंजाब को देने की मांग करने लगे हैं।
माहौल खराब करते बादल
हालांकि यह मसला फिलहाल शांत है। कहने वाले तो यहां तक कह रहे हैं कि बादल माहौल खराब करने की कोशिश करके पंजाब को फिर से अस्थिरता के दौर में लेकर जाने की कोशिश कर रहे हैं। बताते चलें कि इंदिरा गांधी की हत्यास के बाद दंगे फैले थे। 31 अक्तूबर को पूर्व प्रधानमंत्री की पुण्यतिथि है। इंदिरा गांधी की 1984 में उनके अंगरक्षको ने गोली मारकर हत्या कर दी थी।
सरकार ने साम्प्रदायिक, आतंकवादी या नक्सली हिंसा पीड़ित नागरिकों के लिए मुआवजे की राशि तीन लाख रुपये से बढ़ाकर पांच लाख रुपये कर दी। बहरहाल, जानकारों का कहना है कि अकाली नेताओं की बयानबाजी पर भाजपा नेताओं की नजर है। वे वक्त आने पर माकूल जवाब देंगे।