Delhi Pollution: दिल्ली में सांस लेना हुआ मुश्किल, हवा की गुणवत्ता हुई बेहद खराब
नई दिल्ली। देश की राजधानी दिल्ली में वायु प्रदूषण तेजी से बढ़ रहा है, जिससे लोगों का सांस लेना भी मुश्किल हो गया है। ये स्थिति राजधानी में हर साल आती है और हमेशा ही लोगों की इस तरह की दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। यहां वातावरण में प्रदूषकों की मात्रा काफी बढ़ गई है, जिससे हवा की गुणवत्ता बेहद खराब हो चुकी है। जहां दिल्ली के लोगों का कहना है कि सरकार को इस समस्या के समाधान के लिए कड़े प्रयास करने चाहिए। तो वहीं दिल्ली सरकार इसके लिए पड़ोसी राज्यों हरियाणा और पंजाब में पराली जलने को कारण मानती है। इसके साथ ही दिल्ली सरकार कहीं ना कहीं इस समस्या के लिए केंद्र सरकार को भी जिम्मेदार मानती है।
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यहां मंगलवार को औसत एयर क्वालिटी इंडेक्स (एक्यूआई) 300 दर्ज किया गया है। जो खराब वायु गुणवत्ता को बताता है। इसका एक अन्य कारण हवा की गति में कमी होना भी है। सुबह 11 बजे के करीब एक्यूआई 306 था, ये बेहद खराब श्रेणी है। 24 घंटे का औसत एक्यूआई 300 दर्ज किया गया है। वहीं दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने कहा है कि 'प्रदूषण और खासकर पराली का प्रदूषण सिर्फ दिल्ली की समस्या नहीं है, ये पूरे उत्तर भारत की समस्या है। अफसोस की बात है कि केंद्र सरकार ने पूरे उत्तर भारत में पराली के प्रदूषण को नीचे लाने के लिए कोई काम नहीं किया, पूरे साल हाथ पर हाथ रख कर बैठी रहती है।'
सिसोदिया ने आगे कहा, 'केंद्र सरकार की इस निष्क्रियता का नुकसान सिर्फ दिल्ली को नहीं, पूरे उत्तर भारत के लोगों को उठाना पड़ रहा है। प्रदूषण और कोरोना का खतरा दोनों होने से बहुत जानलेवा स्थिति हो सकती है, इस पर सारी सरकार मिलकर और केंद्र सरकार अपनी जिम्मेदारी निभाए।' इसे लेकर क्षेत्रीय मौसम विज्ञान केंद्र, दिल्ली के प्रमुख डॉ. कुलदीप श्रीवास्तव ने कहा, 'उत्तर-पश्चिम की ओर से आने वाली हवाएं, जहां पराली जलाई जा रही है, दिल्ली-एनसीआर में वायु की गुणवत्ता को खराब कर रही हैं। इसके अलावा यहां प्रदूषकों के लगातार रहने का कारण हवा की गति का कम होना भी है। मानसून राहत ला सकता है।'
आज दिल्ली में दर्ज हुई सीजन की सबसे खराब वायु गुणवत्ता, दर्ज हुआ 304 एक्यूआई