सिब्बल की परेशानी बढ़ने के संकेत, 'SC से उम्मीद नहीं...' वाले बयान को AIBA ने बताया सुप्रीम कोर्ट की अवमानना
AIBA ने कपिल सिब्बल के बयान को अवमानना पूर्ण माना है। AIBA चीफ अदीश अग्रवाल ने कहा है कि पूर्व कानून मंत्री न्यायपालिका में भरोसा खो चुके हैं। AIBA kapil sibal contemptuous statement Dr Adish C Aggarwala
नई दिल्ली, 08 अगस्त : कपिल सिब्बल की परेशानी बढ़ने के संकेत हैं। 'SC से उम्मीद नहीं...' वाले बयान को AIBA ने सुप्रीम कोर्ट की अवमानना बताया है। एआईबीए अध्यक्ष डॉ आदिश सी अग्रवाल ने कहा, सिब्बल वरिष्ठ अधिवक्ता हैं। न्यायाधीशों और निर्णयों को सिर्फ इसलिए खारिज करना उनके लिए उचित नहीं है क्योंकि अदालतें उनके या उनके सहयोगियों की दलीलों से सहमत नहीं थीं।
सिब्बल का बयान अवमाननापूर्ण
ऑल इंडिया बार एसोसिएशन (AIBA) के प्रमुख डॉ आदिश सी अग्रवाल ने कहा पूर्व केंद्रीय कानून और न्याय मंत्री कपिल सिब्बल का बयान "अवमाननापूर्ण" है। सिब्बल ने कहा था कि उन्होंने भारतीय न्यायपालिका में उम्मीद खो दी है।
भावनाओं का नहीं, केवल कानून का प्रभाव
सिब्बल के बयान का संज्ञान लेते हुए AIBA चीफ आदिश ने कहा, एक मजबूत प्रणाली भावनाओं से अलग होती है और केवल कानून से प्रभावित होती है। कपिल सिब्बल वरिष्ठ अधिवक्ता हैं। यह चलन बन गया है कि जब किसी के खिलाफ फैसला होता है, तो वह सोशल मीडिया पर जजों की निंदा करने लगता है। कहा जाता है कि जज पक्षपाती है या न्यायिक प्रणाली विफल हो गई है।
न्यायिक प्रणाली विफल नहीं
उन्होंने कहा, यह अवमाननापूर्ण है और कपिल सिब्बल जैसे व्यक्ति ये बात कह रहे हैं जो सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन के अध्यक्ष भी रह चुके हैं। यह दुर्भाग्यपूर्ण है। अगर मामलों का फैसला कपिल सिब्बल की पसंद के मुताबिक नहीं हुआ है, तो इसका मतलब यह नहीं है कि न्यायिक प्रणाली विफल हो गई है।
कोर्ट में पैरवी न करने की नसीहत
अखिल भारतीय बार एसोसिएशन (एआईबीए) के मुखिया ने दो टूक लहजे में कहा, सिब्बल न्याय व्यवस्था का अभिन्न अंग हैं। हालांकि, अगर उन्हें वास्तव में संस्था में उम्मीद की कमी महसूस होती है, तो वह स्वयं अदालतों के सामने पेश नहीं होने के लिए स्वतंत्र हैं।
सिब्बल सुप्रीम कोर्ट पर क्या बोले ?
बता दें कि पूर्व कानून मंत्री और वर्तमान में राज्यसभा सांसद सिब्बल ने कहा, अगर आपको लगता है कि आपको सुप्रीम कोर्ट से राहत मिलेगी, तो आप बहुत गलत हैं। मैं यह बात सुप्रीम कोर्ट में 50 साल वकालत पूरी करने के बाद कह रहा हूं। उन्होंने कहा कि देश की सबसे बड़ी अदालत से अब "कोई उम्मीद नहीं बची" है।