27 जुलाई को पहली बार भारत यात्रा पर आ रहे अमेरिकी विदेश मंत्री, इन मुद्दों पर होगा फोकस
नई दिल्ली, जुलाई 25: अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन अपनी पहली भारत यात्रा के लिए आ रहे हैं। वो 27 और 28 जुलाई को दो दिवसीय यात्रा पर भारत में रहेंगे। इस दौरान अमेरिकी विदेश मंत्री प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और विदेश मंत्री एस. जयशंकर से मुलाकात करेंगे। न्यूज एजेंसी एएनआई से मिली खबर के मुताबिक भारत अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन की यात्रा को काफी अहमियत से देख रहा है। भारत कई मुद्दों पर अमेरिका के साथ बातचीत को आगे बढ़ाने के लिए भी तत्पर है, चाहे वह द्विपक्षीय, क्षेत्रीय, कोविड या ग्लोबल डवलपमेंट से जुड़ा हो।
इस दौरे को लेकर भारत और अमेरिका से रक्षा में अपने सहयोग को गहरा करने की उम्मीद है। इसमें पॉलिसी एक्सचेंज, अभ्यास-डिफेंस ट्रांसफर और टेक्नोलॉजी को शामिल किया जाएगा। इस साल अमेरिका में होने वाली चौथी 2+2 मंत्रिस्तरीय वार्ता के दौरान इन्हें अधिक विस्तार से शामिल किया जाएगा। वहीं अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन की यात्रा के दौरान भारत स्वास्थ्य प्रोटोकॉल को बनाए रखते हुए विशेष रूप से छात्रों, व्यापार यात्रियों, मानवीय मामलों की गतिशीलता को आसान बनाते हुए अंतरराष्ट्रीय यात्रा को फिर से शुरू करने के लिए दबाव डालेगा।
India attaches considerable importance to the visit of US Secretary of State Antony Blinken (on July 27-28) & looks forward to taking forward the conversation with the US on numerous issues, be it bilateral, regional, addressing Covid or global developments: Sources pic.twitter.com/IcFeYllF0Y
— ANI (@ANI) July 25, 2021
इसके साथ ही भारत में 2022 की शुरुआत से इंडो-पैसिफिक देशों में उत्पादित टीकों की आपूर्ति को सक्षम करने के लिए क्वाड वैक्सीन पहल को भी आगे बढ़ाएंगे। क्षेत्रीय सुरक्षा स्थिति पर, अफगानिस्तान से अमेरिकी बलों की वापसी और आतंकवाद के वित्तपोषण और आतंकी ठिकानों पर पाकिस्तान पर निरंतर दबाव की जरूरत अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन की भारत यात्रा के दौरान एजेंडे का हिस्सा होंगे।
अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन 27 जुलाई को पहुंचेंगे दिल्ली, पीएम मोदी से करेंगे मुलाकात
वहीं दोनों पक्ष (अमेरिका और भारत) भारत-प्रशांत क्षेत्र के बारे में आकलन का आदान-प्रदान करेंगे, जिसमें कोविड सहायता, आर्थिक मंदी और सुरक्षा परिदृश्य पर ध्यान दिया जाएगा। पश्चिम एशिया और मध्य एशिया क्षेत्र से संबंधित नवीनतम घटनाओं को भी कवर किए जाने की संभावना है।