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संसद सत्र में प्रश्नकाल खत्म करने के प्रस्ताव पर भड़का विपक्ष, मनाने में जुटी सरकार

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नई दिल्ली। कोरोना महामारी के चलते माना जा रहा है कि इस बार मानसून सत्र में संसद के दोनों सदनों में सत्र के दौरान प्रश्नकाल या शून्य काल नहीं होगा, साथ ही प्राइवेट मेंबर बिल को लेकर भी अनिश्चितता का माहौल था। लेकिन इस आशंका के बीच विपक्ष के नेताओं ने इसको लेकर मोर्चा खोल दिया। विपक्ष के कई वरिष्ठ नेताओं ने इस बाबत लोकसभा और राज्यसभा दोनों के पीठासीन अधिकारियों को पत्र लिखा और इस प्रस्ताव को लेकर अपना विरोध जताया। जिसके बाद सरकार विपक्ष के आगे अपना फैसला बदलने को मजबूर दिखाई दे रही है। सूत्रों के अनुसार रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने विपक्ष के नेताओं से संपर्क किया है और इस मसले पर बात की है। माना जा रहा है कि विपक्ष के नेताओं के विरोध के चलते सरकार अपने फैसले से पीछे हट सकती है।

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विपक्ष को दिलाया भरोसा

सूत्रों के अनुसार सरकार शून्य काल की अनुमति दे सकती है। विपक्ष के भारी विरोध के बीच राजनाथ सिंह ने कुछ विपक्ष के नेताओं से बात की है और उन्हें इस बात का भरोसा दिलाया है कि वह शुन्य काल को अनुमति दे सकती है, जिसमे सांसद अ्हम मसलों को उठाते हैं। बता दें कि राजनाथ सिंह लोकसभा के डेप्युटी लीडर भी हैं।

14 सितंबर से शुरू हो रहा मानसून सत्र

बता दें कि 14 सितंबर से मानसून सत्र की शुरुआत हो रही है, ऐसे में कोरोना संकट के बीच मानसून सत्र के संचालन को लेकर लोकसभा और राज्यसभा सचिवालय में माथापच्ची का दौर चल रहा है। कोरोना संकट की वजह से ही मानसूत्र में पहले ही देरी हो चुकी है। क्योंकि, बदले हुए हालातों में सुरक्षित तरीके से संसद का मानसून सत्र आयोजित करना बहुत बड़ी चुनौती है। इसके लिए लोकसभा अध्यक्ष और राज्यसभा के सभापति और सरकार के स्तर पर कई तरह की तैयारियां की गई हैं और कुछ पर अभी भी मंथनों का दौर चल रहा है। उन्हीं में से ये बातें भी हैं कि क्या विशेष परिस्थितियों में प्रश्नकाल या शून्यकाल को छोड़ा जा सकता है। ताकि, आवश्यक विधायी कार्यों को तेजी से निपटया जा सके। लेकिन इस बीच विपक्ष ने प्रश्नकाल और शून्यकाल को खत्म किए जाने की आशंका के बीच अपना विरोध जाहिर किया है।

18 बैठकें होंगी

14 सितंबर से 1 अक्टूबर तक चलने वाले संसद सत्र में कोई भी छुट्टी नहीं होगी। इस दौरान दोनों सदनों की कुल 18 बैठकें होंगी, जिसमें राज्यसभा की कार्यवाही दिन के शुरुआती चार घंटों में होगी और लोकसभा की बैठकें बाद के चार घंटों में आयोजित की जाएंगी। ऐसा इसलिए क्या जा रहा है, ताकि सांसदों के बीच सोशल डिस्टेंसिंग का अच्छी तरह से पालन हो सके। हालांकि, पहले दिन पहले चार घंटे लोकसभा की कार्यवाही होगी। ऐसा इसलिए हो रहा है, ताकि लोकसभा स्पीकर ओम बिड़ला सदन के चैंबर को दूसरे कार्य में इस्तेमाल के लिए सदन के सदस्यों की इजाजत ले सकें। यह प्रक्रिया इसलिए पूरी की जानी है क्योंकि इसबार पहली बार राज्यसभा की कार्यवाही के लिए भी लोकसभा के चैंबर का इस्तेमाल होगा।

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English summary
After strong protest over no question hour in parliament session Rajnath Singh reaches to opposition.
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