'नोटों पर गांधी के बजाय, लगाई जाए सुभाष की तस्वीर', अखिल भारत हिंदू महासभा ने उठाई मांग
अखिल भारत हिंदू महासभा ने मांग उठाई है कि नोटों पर महात्मा गांधी के बजाय नेताजी सुभाष चंद्र बोस की फोटो लगाई जानी चाहिए।
नोटों पर नेताजी सुभाष चंद्र बोस की तस्वीर (Netaji Subhas Chandra Bose picture on currency notes): नोटों पर राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की तस्वीर को लेकर एक बार फिर हिंदू संगठनों ने विरोध जताया है। अखिल भारत हिंदू महासभा ने मांग उठाई है कि नोटों पर महात्मा गांधी के बजाय नेताजी सुभाष चंद्र बोस की फोटो लगाई जानी चाहिए। महासभा ने कहा कि आजादी के आंदोलन में नेताजी सुभाष चंद्र बोस का योगदान किसी भी मायने में महात्मा गांधी से कम नहीं था, इसलिए ये जरूरी है कि नोटों पर उनकी ही फोटो लगाई जाए।
दुर्गा पूजा पंडाल में भी किया गांधी का अपमान
आपको बता दें कि इससे पहले हाल ही में अखिल भारत हिंदू महासभा ने दुर्गा पूजा के दौरान पंडाल में महिषासुर की एक ऐसी मूर्ति लगाई थी, जो महात्मा गांधी से मेल खा रही थी। इस मुद्दे पर काफी विवाद भी हुआ था। इसके बाद अब अखिल भारत हिंदू महासभा के नेताओं ने नोटों पर से महात्मा गांधी की तस्वीर हटाने की मांग की है। चंद्रचूड़ गोस्वामी ने यह भी ऐलान किया कि उनका संगठन अगले साल पश्चिम बंगाल में होने वाले पंचायत चुनाव में हिस्सा लेगा।
'सुभाष का योगदान गांधी से कम नहीं'
अखिल भारत हिंदू महासभा के प्रदेश कार्यकारी अध्यक्ष चंद्रचूड़ गोस्वामी ने शुक्रवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस करते हुए कहा, 'हमारा मानना है कि भारत को आजाद कराने की लड़ाई में नेताजी सुभाष चंद्र बोस का योगदान किसी भी तरह से महात्मा गांधी से कम नहीं था। इसलिए, भारत के उस महान स्वतंत्रता सेनानी को उनके बलिदान के लिए सम्मान देने का सबसे अच्छा माध्यम यह है कि नेताजी की तस्वीर नोटों पर लगाई जाए। हमारी मांग है कि गांधी जी के स्थान पर नोटों पर नेताजी सुभाष चंद्र बोस की तस्वीर लगे।'
'हर रोज हो रही है गांधी के सिद्धांतों की हत्या'
वहीं, अखिल भारत हिंदू महासभा की इस मांग की आलोचना करते हुए टीएमसी और कांग्रेस ने कहा कि बंगाल में इस तरह लोगों को बांटने की राजनीति नहीं करनी चाहिए। कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी ने कहा कि देश की आजादी के आंदोलन में महात्मा गांधी के योगदान को इस तरह विवादों में नहीं खींचना चाहिए। अधीर रंजन चौधरी ने कहा, 'हम सब इस बात को जानते हैं कि महात्मा गांधी की हत्या के पीछे कौन था और अब उनके आदर्शों और सिद्धांतों की हत्या हर रोज की जा रही है। भाजपा और आरएसएस को इसपर जवाब देना चाहिए।'