आरुषि मर्डर केस: अपील के लिए तय 90 दिन की अवधि खत्म, सीबीआई नहीं दायर कर सकी याचिका
नई दिल्ली। आरुषि-हेमराज मर्डर केस में राजेश और नुपूर तलवार को बरी किए जाने के इलाहाबाद हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ सीबीआई तय वक्त में याचिका दायर नहीं कर सकी है। सीबीआई के पास याचिका दायर करने के लिए 90 दिनों का समय होता है हालांकि तय अवधि खत्म होने के बाद भी अब तक सीबीआई के अधिकारी इसको लेकर कोई फैसला नहीं ले सके हैं।
सीबीआई अब तक दायर नहीं कर सकी याचिका
12 अक्टूबर, 2017 में इलाहाबाद हाईकोर्ट ने इस हत्याकांड में आरोपी आरुषि के माता-पिता को बरी करने का फैसला सुनाया था। कोर्ट ने सबूतों के अभाव में तलवार दंपत्ति को बरी कर दिया था। इसके बाद ये माना जा रहा था कि सीबीआई मामले में आगे अपील करेगी, हालांकि करीब 110 दिनों से ज्यादा का वक्त बीतने के बाद भी सीबीआई याचिका दाखिल करने में असमर्थ रही है। सीबीआई की ओर से सुप्रीम कोर्ट में अपील नहीं करने पर सवाल उठ रहे हैं कि आखिर आरुषि-हेमराज केस की सच्चाई क्या है?
2008 का है पूरा मामला
बता दें कि 16 मई, 2008 की सुबह नोएडा के जलवायु विहार में 14 वर्षीय आरुषि का शव मिला था, शुरू में उसकी हत्या का शक नौकर हेमराज पर जताया गया था, हालांकि अगले ही दिन इसी फ्लैट की छत पर हेमराज का भी शव मिला था। इस मामले में हंगामा बढ़ने पर तत्कालीन सरकार ने मामले की जांच सीबीआई को सौंप दी थी।
सीबीआई को दायर करनी थी याचिका
आरुषि-हेमराज मर्डर केस में विशेष सीबीआई कोर्ट ने नवंबर 2013 में तलवार दंपत्ति को उम्रकैद की सजा सुनाई थी, हालांकि अक्टूबर 2017 में इलाहाबाद हाईकोर्ट ने सीबीआई कोर्ट का फैसला पलट दिया था।
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