ऑक्सफोर्ड डिक्शनरी में शामिल हुआ 'आधार', चुना गया वर्ष का सबसे चर्चित शब्द
जयपुर। ऑक्सफोर्ड डिक्शनरी हर साल एक वर्ड ऑफ द ईयर चुनता है। लेकिन पहली बार ऑक्सफोर्ड ने हिंदी के वर्ड ऑफ द ईयर चुनने की घोषणा की थी। जिसके बाद ऑक्सफोर्ड डिक्शनरी में इस साल वर्ड ऑफ द ईयर 2017 के लिए 'आधार' को चुना। ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी प्रेस की तरफ से इसकी घोषणा शनिवार को जयपुर लिटरेचर फेस्ट के दौरान की गई। आधार ने डिक्शनरी में जगह बनाने के लिए असहिष्णुता, विकास, नोटबंदी और भक्त शब्द को पछाड़ अपनी जगह बनाई।
ऑक्सफर्ड ने वर्ड ऑफ द ईयर चुनने के लिए सीधे लोगों से सुझाव मांगे थे। जिसको लेकर देशभर से लोगों ने लाखों की संख्या में सुझाव भेजे थे। जिसमें लोगों ने असहिष्णुता, मित्रों, जुमला, गोरक्षक, विकास, नोटबंदी और भक्त जैसे शब्दों को भेजा था। लेकिन आधार ने सबको पछाड़ते हुए बाजी मार ली। लेकिन लोगों ने बोला की यह शब्द 2009 में आया था इस पर दलील दी गई। आज के परिपेक्ष्य में यह शब्द आम लोगों के जीवन से ज्यादा सरोकार रखता है। यहीं नहीं इस शब्द पर सुप्रीम कोर्ट में पांच मामले भी चल रहे हैं।
ऑक्सफोर्ड ने जो मापदंड रखे थे उनके हिसाब से वह शब्द जिसने साल में सबसे अधिक आकर्षित किया हो। चुना हुआ शब्द वर्ष के लोकाचार, मनोदशा या पूर्वाग्रहों को प्रतिबिंबित करता हो। यह जरूरी नहीं कि नया शब्द हो, लेकिन वह किसी तरह 2017 से जुड़ा हो। इस शब्द को चुनने के लिए एक पैनल गठित किया गया था।
जिसमें कृतिका अग्रवाल- पेशे से वकील और कई भाषाओं की जानकार हैं, मलिका घोष - ऑक्सफर्ड यूनिवर्सिटी प्रेस इंडिया की सीनियर एडिटोरियल मैनेजर हैं, नमिता गोखले- लेखिका, जयपुर लिटरेचर फेस्टिवल की को-फाउंडर और को-डायरेक्टर, सौरभ द्विवेदी- पत्रकार, पूनम निगम सहाय-रांची यूनिवर्सिटी में असोसिएट प्रोफेसर शामिल थी।