अहमद पटेल की जीत के साथ ही कांग्रेस के भीतर शुरू हुई एक नई जंग
कांग्रेस के भीतर युवा बनाम बुजुर्ग की जंग शुरू हुई, अहमद पटेल की जीत के बाद उठने लगे हैं सवाल, क्या राहुल थामेंगे पार्टी की कमान
नई दिल्ली। गुजरात राज्यसभा में जिस तरह से कांग्रेस उम्मीदवार अहमद पटेल ने तमाम सियासी षड़यंत्र को पार करते हुए जीत हासिल की उसके बाद पार्टी का मनोबल काफी बढ़ा है। अहमद पटेल की जीत ने एक बार को और स्थापित किया है कि जिस तरह से लगातार राहुल गांधी को पार्टी का अध्यक्ष बनाए जाने की मांग उठ रही है उसके बीच पार्टी के भीतर पुराने दिग्गज नेता अभी भी प्रभावी हैं।
अहमद
पटेल
ने
साबित
किया
अनुभव
अहमद
पटले
की
भाजपा
के
खिलाफ
जीत
ने
ना
सिर्फ
पुराने
और
दिग्गज
नेताओं
के
महत्व
का
सामने
रखा
है
बल्कि
गुजरात
में
पूरी
तरह
से
अपने
अस्तित्व
की
लड़ाई
लड़
रही
कांग्रेस
के
भीतर
जान
फूंक
दी
है।
जिस
तरह
से
भाजपा
के
शीर्ष
नेतृत्व
की
ओर
से
अहमद
पटेल
को
राज्यसभा
से
बाहर
करने
की
पुरजोर
कोशिश
की
गई
उसके
बीच
अहमद
पटेल
साबित
किया
है
कि
अनुभव
का
आज
भी
कोई
सानी
नहीं
है।
राहुल
की
दावेदारी
पर
उठे
सवाल
अहमद
पटेल
की
भाजपा
के
खिलाफ
शानदार
रणनीति
का
लाभ
उन्हें
निसंदेह
ना
सिर्फ
पार्टी
के
भीतर
बल्कि
चुनावी
मैदान
में
भी
देखने
को
मिलेगा।
ऐसे
में
अहमद
पटेल
की
शानदार
जीत
के
बाद
एक
बड़ा
सवाल
युवा
बना
बुजर्ग
की
बहस
शुरू
हो
गई
है।
2014
की
करार
हार
के
बाद
से
ही
कांग्रेस
के
भीतर
राहुल
गांधी
को
पार्टी
का
उपाध्यक्ष
बनाए
जाने
की
बात
हो
रही
है,
लेकिन
जिस
तरह
से
अहमद
पटेल
ने
खुद
को
साबित
किया
है
उससे
राहुल
गांधी
की
दावेदारी
को
भी
नुकसान
पहुंचा
है।
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राहुल
ने
नहीं
दी
बधाई
पार्टी
के
भीतर
एक
धड़ा
ऐसा
भी
है
जो
यह
सवाल
खड़ा
कर
रहा
है
कि
राहुल
गांधी
और
अहमद
पटेल
के
बीच
सबकुछ
सही
नहीं
है।
यहां
तक
कि
अहमद
पटेल
की
शानदार
जीत
के
बाद
भी
राहुल
गांधी
ने
उन्हें
बधाई
देने
के
लिए
एक
ट्वीट
तक
नहीं
किया।
ऐसे
में
माना
जा
रहा
है
कि
पार्टी
के
भीतर
दोनों
ही
धड़ों
के
बीच
तनातनी
बनी
हुई
है।
हालांकि
अहमद
पटेल
का
कहना
है
कि
राहुल
गांधी
ने
उन्हें
फोन
करके
बधाई
दी
है।