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जम्मू-कश्मीर में 4 जी इंटरनेट बहाल करने का आदेश देने से SC का इनकार, हाईपावर कमेटी का किया गठन

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नई दिल्ली। जम्मू कश्मीर में 4G इंटरनेट सेवा बहाल करने की याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए मामले में हाई-पावर कमेटी का गठन किया है। ये कमेटी तमाम याचिकाकर्ताओं की ओर से उठाए सवालों पर गौर करेगी और रिपोर्ट देगी। इस कमेटी के प्रमुख गृह मंत्रालय के सेक्रेटरी होंगे। उनके साथ कमेटी में जम्मू कश्मीर के चीफ सेक्रेटरी और सूचना प्रसारण मंत्रालय के सेक्रेटरी भी होंगे। सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को इससे जुड़ी याचिकाओं पर सुनवाई करते जम्मू-कश्मीर में 4जी इंटरनेट शुरू करने का तुरंत आदेश देने से इनकार करते हुए ये कमेटी बनाई है।

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Jammu-Kashmir: Supreme Court का 4G Internet सेवा बहाल करने से इनकार | वनइंडिया हिंदी
मानव अधिकार और राष्ट्रीय सुरक्षा को संतुलित करना होगा

मानव अधिकार और राष्ट्रीय सुरक्षा को संतुलित करना होगा

जस्टिस एनवी रमन्ना ने मामले पर अपने आदेश में कहा है कि हमें मानव अधिकार और राष्ट्रीय सुरक्षा को संतुलित करना है। केंद्र और राज्य सरकार के अधिकारी कमेटी में होंगे। ये कमेटी देखेगी की किस तरह कश्मीर में इंटरनेट सेवा को संचालित किया जा सकता है। कोर्ट ने तुरंत हाईवापर कमेटी के गठन का आदेश दिया है।

याचिका में की गई है ये मांग

याचिका में की गई है ये मांग

फाउंडेशन फॉर मीडिया प्रफेशनल्स ने कोविड-19 महामारी को देखते हुए प्रदेश में 4जी इंटरनेट सेवा बहाली की मांग को लेकर सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की है। याचिका में मांग की गई है कि केंद्रशासित प्रदेश में तुरंत 4जी नेट बहाल किया जाए जो कि बीते साल 5 अगस्त से बंद है। याचिकाकर्ता की ओर से कहा गया कि कोरोना महामारी के चलते इंटरनेट से ही लोग एक-दूसरे से जुड़ सकते हैं लेकिन कश्मीर में ना तो छात्र वीडियो कांफ्रेसिंग के जरिए पढाई नहीं कर पा रहे हैं और ना डॉक्टर मरीजों को नहीं देख पा रहे हैं। आरोग्य सेतु भी 2G स्पीड से डाउनलोड नहीं हो सकता।

केंद्र ने किया है विरोध

केंद्र ने किया है विरोध

कोर्ट में सुनवाई के दौरान केंद्र और जम्मू कश्मीर प्रशासन ने इंटरनेट स्पीड बढ़ाने की मांग वाली इस याचिका का विरोध किया है। केंद्र और जम्मू कश्मीर प्रशासन की ओर से अदालत में कहा गया कि जम्मू कश्मीर के भीतर सक्रिय आतंकी माड्यूल और सीमा पार बैठे उनके आका फर्जी खबरें प्रसारित करके लोगों को भड़का रहे हैं। आतंकवादी गतिविधियों को बढ़ावा देने और भड़काऊ सामग्री, विशेष रूप से फर्जी खबरों तथा फोटो और वीडियो क्लिप के प्रसारण से लोगों को उकसाने के लिए इंटरनेट सेवा के दुरूपयोग की आशंका है जो सुरक्षा और सार्वजनिक व्यवस्था के लिए खतरा है।

बता दें कि बीते साल 5 अगस्त को केंद्र सरकार ने जम्मू कश्मीर का विशेष राज्य का दर्जा खत्म किया था तो सूबे में संचार के ज्यादातर साधनों पर पाबंदी लगा दी थी। इंटरनेट भी इसमें शामिल है। बाद में 2जी इंटरनेट तो शुरू किया गया लेकिन अभी भी 4जी स्पीड नेट ना चलने से वहां इससे जुड़े ज्यादातर कामकाज नहीं हो पा रहे हैं।

जम्मू-कश्मीर में 4जी इंटरनेट बहाल करने का केंद्र ने सुप्रीम कोर्ट में किया विरोध, कहा- गलत इस्तेमाल होगाजम्मू-कश्मीर में 4जी इंटरनेट बहाल करने का केंद्र ने सुप्रीम कोर्ट में किया विरोध, कहा- गलत इस्तेमाल होगा

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English summary
4G restoration in Jammu Kashmir Supreme Court set up high powered committee to look into the contentions raised by various petitioners
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