महाराष्ट्र: 'चूहे मारने में हुआ घोटाला, 7 दिन में कैसे किया ने कारनामा'
एकनाथ खडसे ने कहा कि ये भी नहीं पता कि कंपनी ने इन मरे हुए चूहों को फेंका कहां? साथ ही उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि मंत्रालय के परिसर में कंपनी द्वारा रखे गए जहर को खाकर धर्मा पाटिल नाम के एक किसान ने फरवरी में आत्महत्या कर ली थी।
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नई दिल्ली। महाराष्ट्र में चूहे मारने में धांधली की खबर है। भाजपा के वरिष्ठ नेता एवं महाराष्ट्र सरकार के पूर्व मंत्री एकनाथ खडसे ने गुरुवार को कहा कि सचिवालय में चूहे मारने के लिए दिए गए ठेके में धांधली की गई है और जिस तरह काम किया गया है उसकी जांच जरूर होनी चाहिए। विधानसभा में बोलते हुए खडसे ने कहा कि 319400 चूहों को मारने के लिए जिस कंपनी को ठेका दिया गया उसने महज एक सप्ताह में ही सारे चूहे कैसे मार लिए? इस हिसाब से अगर देखा जाए तो कंपनी ने प्रतिदिन करीब 45 हजार चूहे मारे हैं।
7 दिन में कैसे मार दिए 3,19,400 चूहे
एकनाथ खडसे ने बजट मांगों पर चर्चा के दौरान कहा कि बीएमसी ने शहर में छह लाख चूहों को मारने के लिए दो साल का समय लिया था। ऐसे में सचिवालय के अंदर तीन मौजूद तीन लाख से ज्यादा चूहों को महज सात दिन में कैसे मारा जा सकता है। खडसे ने आगे कहा कि इसका यह मतलब भी है कि कंपनी ने हर मिनट 31.68 चूहे मारे हैं। उनका वजन करीब 9125 किग्रा होगा और मरे हुए चूहों को मंत्रालय से ले जाने के लिए रोजाना एक ट्रक की जरूरत पड़ी होगी।
पूर्व मंत्री एकनाथ खडसे ने की जांच की मांग
एकनाथ खडसे ने कहा कि ये भी नहीं पता कि कंपनी ने इन मरे हुए चूहों को फेंका कहां? साथ ही उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि मंत्रालय के परिसर में कंपनी द्वारा रखे गए जहर को खाकर धर्मा पाटिल नाम के एक किसान ने फरवरी में आत्महत्या कर ली थी। उन्होंने कहा कि पिछले दिनों मंत्रालय में जहर पीकर आत्महत्या करने वाले किसान धर्मा पाटिल ने खुद लाकर जहर पिया था या मंत्रालय में चूहे मारने के लिए लाए गए जहर को पी कर जान दी थी। इसका पता लगाया जाना चाहिए। खडसे ने विधानसभा में आरटीआई का हवाला देते हुए यह घोटाला उजागर किया है। उन्होंने कहा कि यह बड़ा घोटाला है इसकी जांच होनी चाहिए।
भूमि अधिग्रहण को लेकर मुआवजा दिए जाने में अन्याय होने का आरोप
आपको बता दें कि पाटिल ने भूमि अधिग्रहण को लेकर मुआवजा दिए जाने में अन्याय होने का आरोप लगाते हुए मंत्रालय में जहर खा लिया था और कुछ देर बाद उसकी मौत हो गई थी। खडसे ने कहा कि इस बारे में कोई सूचना नहीं है कि क्या कंपनी को चूहे मारने के लिए जहर का इस्तेमाल करने की इजाजत थी, या नहीं?
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