जम्मू कश्मीर: घाटी से एक, दो नहीं बल्कि 219 युवा बने इंडियन आर्मी का हिस्सा, देंगे पाकिस्तान को जवाब
26 फरवरी को जम्मू कश्मीर के 219 युवा भारतीय सेना का हिस्सा बने हैं और उन्होंने देश सेवा का प्रण लिया। मौका था जम्मू एंड कश्मीर लाइट इंफैट्री रेजीमेंटल सेंटर (जैक लाइ आरसी) की पासिंग आउट परेड का और इसी परेड से पासआउट हुए युवाओं ने सेना में शामिल होकर देश की सेवा के लिए शहीद होने का प्रण लिया।
श्रीनगर। 26 फरवरी को जम्मू कश्मीर के 219 युवा भारतीय सेना का हिस्सा बने हैं और उन्होंने देश सेवा का प्रण लिया। मौका था जम्मू एंड कश्मीर लाइट इंफैट्री रेजीमेंटल सेंटर (जैक लाइ आरसी) की पासिंग आउट परेड का और इसी परेड से पासआउट हुए युवाओं ने सेना में शामिल होकर देश की सेवा के लिए शहीद होने का प्रण लिया। जैक लाई के रिक्रूट कोर्स नंबर 113 जो कि एक वर्ष पहले शुरू हुआ था, वह 26 फरवरी को खत्म हुआ। इस मौके पर श्रीनगर के बाना सिंह परेेड ग्रांउड पर पासिंग आउट परेड का आयोजन हुआ था। चिनार कोर के जनरल ऑफिसर इन कमांड (जीओसी) एके भट ने परेड का निरीक्षण किया। उनके अलावा इस परेड में कई और वरिष्ठ अधिकारी और पासआउट होने वाले नए सैनिकों के परिवारवाले भी शामिल थे।
एक साल की कड़ी ट्रेनिंग
एक साल की कड़ी ट्रेनिंग के बाद ये युवा उत्साहित और खुश थे कि वे सेना का हिस्सा बनकर राष्ट्र की रक्षा और सेवा करेंगे। युवा सैनिकों ने रेजीमेंट का गीत, 'बलिदानम वीर लक्षम,' गाकर समारोह में मौजूद हर व्यक्ति को जोश से भर दिया। इन युवाओं ने तिरंगे को सलाम करके और राष्ट्रगान को गाकर दुनिया को संदेश दिया कि घाटी से अब नए सोच वाले युवा आगे आ रहे हैं। जीओसी लेफ्टिनेंट जनरल भट ने इन युवा सैनिकों को राष्ट्रसेवा में समर्पित होने और सेना का हिस्सा बनने पर बधाई दी।
जनरल भी थे मौजूद
जैकलाई के रिक्रूट कोर्स नंबर 113 जो कि एक वर्ष पहले शुरू हुआ था, वह 26 फरवरी को खत्म हुआ। इस मौके पर श्रीनगर के बाना सिंह परेड ग्रांउड पर पासिंग आउट परेड का आयोजन हुआ था। चिनार कोर के जनरल ऑफिसर इन कमांड (जीओसी) एके भट ने परेड का निरीक्षण किया। उनके अलावा इस परेड में कई और वरिष्ठ अधिकारी और पासआउट होने वाले नए सैनिकों के परिवारवाले भी शामिल थे।
दुश्मनों को दी चेतावनी
उन्होंने इन युवाओं की बाकी युवाओं की प्रेरणा बनने के लिए प्रशंसा की और साथ ही इनके माता-पिता की भी सराहना की कि उन्होंने देश की सेवा करने के लिए अपने बेटों का उत्साहवर्धन किया। लेफ्टिनेंट जनरल भट ने कश्मीर के युवाओं से अपील की कि वह हिंसा के रास्ते पर न चलें बल्कि घाटी की शांति के लिए अपना योगदान में। वहीं उन्होंने ऐसे लोगों को आगाह भी किया है दुश्मन के साथ मिलकर देश के खिलाफ हथियार उठाने से भी परहेज नहीं कर रहे हैं। उन्होंने साफ-साफ कहा कि सेना ऐसे तत्वों से बेहतरी से निबटेगी।
युवा सैनिकों को मिला सम्मान
बांदीपोर के फिरदौस अहमद खान को शेर-ए-कश्मीर का सम्मान मिला तो वहीं त्रिवेणी सिंह मडल को बेस्ट रिक्रूट का सम्मान दिया गया। पहीं जम्मू के नवदीप सिंह बिहाल को फायरिंग में सर्वश्रेष्ठ होने के लिए सम्मानित किया गया। जैकलाई रेजीमेंट सेंटर के ब्रिगेडियर सुरेश चौहान ने परेड में भारत द्वारा पिछले 50 सालों के दौरान लड़े गए विभिन्न युद्धों में जैकलाई की भूमिका के बारे में बताया।