इंदिरा जयसिंह पर CBI छापेमारी की विपक्षी सांसदों ने की निंदा, पीएम मोदी को लिखा पत्र
नई दिल्ली। राज्यसभा में विपक्षी 20 सांसदों के एक समूह ने वरिष्ठ अधिवक्ताओं इंदिरा जयसिंह और आनंद ग्रोवर पर की गई सीबीआई की छापेमारी की निंदा करते हुए पीएम नरेंद्र मोदी को खत लिखा है। उन्होंने कहा कि यह डराने और सत्ता का घोर दुरुपयोग है। सीबीआई ने वरिष्ठ वकील पर विदेशी फंडिंग का गलत इस्तेमाल करने का आरोप लगाया है। सीबीआई छापेमारी को लेकर अधिकारियों ने बताया कि जयसिंह के निजामुद्दीन स्थित आवास और कार्यालय, एनजीओ के जंगपुरा कार्यालय और मुम्बई स्थित एक कार्यालय में सुबह पांच बजे छापेमारी शुरू की।
सांसदों द्वारा जारी एक संयुक्त हस्ताक्षरित पत्र में लिखा गया कि, हम सीबीआई द्वारा आज सुबह वरिष्ठ अधिवक्ता इंदिरा जयसिंह और आनंद ग्रोवर के घरों और कार्यालयों पर छापे की कड़ी निंदा करते हैं। दिल्ली और मुंबई दोनों जगह छापे मारे जा रहे हैं। सभी सांसदों ने सरकार से जबरदस्ती और डराने-धमकाने के ऐसे कृत्य को रोकने का आग्रह किया है। सीबीआई द्वारा दिल्ली के निज़ामुद्दीन स्थित इंदिरा जयसिंह के घर और दिल्ली और मुंबई में आनंद ग्रोवर के एनजीओ के दफ्तरों पर सुबह 5 बजे से छापे शुरू की गई।
एजेंसी ने विदेश सहायता प्राप्त करने के मामले में ग्रोवर के खिलाफ एफसीआरए के तहत मामला दर्ज किया है। सीबीआई ने गृह मंत्रालय (एमएचए) की शिकायत के आधार पर ग्रोवर और एनजीओ के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की थी। मंत्रालय ने आरोप लगाया गया था कि समूह द्वारा प्राप्त विदेशी सहायता के इस्तेमाल में कई गड़बड़िया हैं।
गृह मंत्रालय की शिकायत के अनुसार संगठन ने विदेश से 2006-07 और 2014-15 के बीच 32.39 करोड़ रुपए की मदद हासिल की थी, जिसमें अनियमितताएं बरती गईं और यह विदेशी अंशदान (विनियमन) अधिनियम (एफसीआरए) का उल्लंघन था। मंत्रालय ने कहा कि मौजूदा जानकारी और एनजीओ के अभिलेखों की छानबीन के आधार पर एफसीआरए 2010 के विभिन्न प्रावधानों के प्रथम दृष्टया उल्लंघन पाए गए। वहीं जयसिंह, ग्रोवर और 'लॉयर्स कलेक्टिव' ने एक बयान जारी करते हुए धन के दुरुपयोग के सभी आरोपों को खारिज कर दिया है।
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